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कविता

माथा के पसीना

रुकना नही हे थमना नही हे पांव के भोमरा ल देखना नही है मन्ज़िल अगोरत हे रस्ता तोर सुरताना नही हे,घबराना नही है धीरे धीरे चल के कछुवा खरहा ल हरवाइस हे, सोवत रहिगे केछुवा बपुरा अड़बड़ पछताइस हे।। अभी मिलिस असफलता तोला हिम्मत से तै काम कर। उदम कर कमर कस के मत बैठ […]

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कविता

गांव के पीरा

गांव ह गंवागे हमर शहर के अबड़ देखाई मा। मया अउ पीरा गंवागे सवारथ के सधाई मा।। सोनहा हमर भुइयां गवांगे कारखाना के लगाई मा। दुबराज धान के महक गंवागे यूरिया के छिंचाई मा। ममा मामी कका काकी गंवागे अंकल आंटी कहाई मा सुआ नाच के गीत गंवागे डी जे के नचाई मा।। बिसाहू भाई […]

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कहानी

छत्तीसगढ़ महतारी

बड़े बिहनिया उठ जा संगी खेत हमर बुलावत हे, पाके हावय धान के बाली महर महर महकावत हे। टप टप टपके तोर पसीना माथा ले चुचवावत हे, तोर मेहनत ले देखा संगी कई झन जेवन पावत हे। ये धरती ह हमर गिंया सबके महतारी ये कोरा म रखके सब ल पोषय एहि हमर जिंदगानी ये। […]

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कविता

मनखे गंवागे

मनखे गंवागे गांव के शहर के देखाईं म गांव भुलागे स्वारथ के अंधियारी खाईं म।। इरिषा अनदेखना बाढ़ गे डाह धरिस हितवाही म। पिरीत परेम के दिया बुतागे, आग लगिस रुख राई म। खेत खार ह परिया होगे यूरिया के छिचाई म मनखे गंवागे शहर म जाके अंधाधुंध कमाई म। पहुना के सम्मान गंवागे नारी […]

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गीत

हमर छत्तीसगढ़

गुरतुर हमर भाखा सिधवा हमर चाल हे। ऐ छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल हे…….2। अरपा पैरी हसदो के निरमल सुघ्घर पानी हे। महानदी हे पुण्य सलिला एहि हमर जिंदगानी हे। ये भुइयां के बात अलग हे…2 राम के इहाँ ननिहाल है मोर छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल के…2। नदिया नरवा झिरिया म देवता धामी बइठे है। रुख राई के […]