बड़ सुग्घर महतारी के कोरा धान कटोरा धानी रे। डोंगरगढ़ बमलई ईहा तेलिन दाई के घानी रे।। पैरी सोंढुर के धार संग महानदी के पानी हे। जनमेन इही भुइया म धन धन हमरो जिनगानी हे।। जुड़ पुरवाही झकोरा म लह लहावत धान के बाली। हरियर लुगरा पहिरय दाई माथ नवावय सूरज के लाली।। अइसन हे […]
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सत अउ अहिंसा के पुजारी गुरु घासीदास
गुरु घासीदास छत्तीसगढ़ राज मा संत परम्परा के एक परमुख संत आय। सादा जीवन उच्च विचार के धनवान संत गुरु घासीदास छत्तीसगढ़ राज ला नवा दिसा दिस अउ दसा ला सुधारे बर सरलग बुता करिन अउ अपन सरबस लुटादिन। जीवनी:- बछर 1672 मा हरियाणा राज के नारनौल गाँव मा बीरभान अउ जोगीदास नाव के दु […]
मोर छतीसगढ़ महान हे
छतीसगढ़ के पबरित भुईया जस गावत जहान हे वीर जनमईया बलिदानी भुईया मोर छतीसगढ़ महान हे होवत बिहनिया सुरुज के लाली नित नवा अंजोर बगरावय मटकत रुखवा पुरवईया म डोंगरी पहाड़ी शोभा बढ़हावय जन जन के हिरदे म मानवता मया के खदान हे मोर छत्तीसगढ़ महान हे मोर छत्तीसगढ़ महान हे करिया तन म मनखे […]
दाई ददा भगवान हे
दाई ददा के मया दुलार म मनखे होथे बडका धनवान जी झन छोडव दाई ददा ल् जागत तीरथ बरथ भगवान जी जन्म देवइया दाई के करजा जिनगी भर नई छुटाए दाई के मया अमरित बरोबर दूध के संग म पियाये नवा रस्ता गढ़हईया हमर जिनगी रूप शील गुणवान जी दाई ददा के मया दुलार म […]
हमर भारत भुइया के माटी म सबो धरम सबो जाति के मनखे मन रइथे। अउ सबो धरम के मनखे मन अपन अपन तिहार ल अब्बड़ सुग्घर ढंग ले मनाथे। फेर हमर भारत भुईया म एक ठन अइसन तिहार हे जेन ल सबो धरम के मनखे मन मिलजुल के मनाथे। ओखर नाव होरी तिहार। होरी तिहार […]
राज काज म लाबोन
चलव धधकाबो भाखा के आगी ल, दउड़ समर म कूद जाबों रे गुरतुर मीठ छतीसगढ़ी भाखा ल्, हमर राजकाज म लाबोंन रे हमर राज म दूसर के भाखा, होवत हे छतीसगढ़ी के अपमान दूसर के भाखा जबर मोटहा, दूबर पातर छतीसगढ़ी काडी समान अपन भाखा के बढाबोन मान, चलव जुरमिल सुनता बधाबोन रे गुरतुर मीठ […]
झन बिसावव सम्मान
अभी के बेरा म कला अउ कलाकार के कमी नई हे। किसिम किसिम के कलाकार ह अपन कला ल देखाथे। हमर बीच म कतको अकन अइसन कलाकार रिहिस जेन मन अपन कला के बल म सरी दुनिया ल दांत तरी अंगरी चाबे बर मजबूर कर दिन। फेर उन कलाकर मन मान अउ सम्मान के थोरको […]