छत्तीसगढ़ के बासी चटनी

छत्तीसगढ़ के बासी चटनी,
सबला बने मिठाथे |
इंहा के गुरतुर भाखा बोली,
सबला बने सुहाथे |
होत बिहनिया नांगर धरके,
खेत किसान ह जाथे |
अपन पसीना सींच सींच के,
खेत म सोना उगाथे |
नता रिशता के हंसी ठिठोली,
इंहा के सुघ्घर रिवाज ए,
बड़े मन के पैलगी करना,
इंहा के सुंदर लिहाज ए |
बरा सोंहारी ठेठरी खुरमी,
इंहा के कलेवा ए |
चीला रोटी चंउसेला कतरा,
इंहा के ये मेवा ए |
मीत मितानीन महा परसाद मे,
सबो माया बंधाये हे |
जंवारा भोजली गंगाजल मे,
गांव भर नता जुड़ाये हे |
कका बबा अऊ नाती नतरा,
सब झन संझा सकलाथे |
बइठ के पीपर चंउरा मे,
बबा ह काहनी सुनाथे
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया,
सिरतोन के कहाथे |
छत्तीसगढ़ के बासी चटनी,
सबला बने मिठाथे |

महेन्द्र देवांगन “माटी”
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला – कवर्धा (छ. ग)
मो. 8602407353

परिचय (बायोडाटा)
—————-
नाम-महेन्द्र देवांगन “माटी”
पिता-श्री थानू राम देवांगन
जन्म तिथि-06-04-1969
मूल निवास-ग्राम-बोरसी , तह.-राजिम
जिला-गरियाबंद

वर्तमान निवास-गोपीबंद पारा पंडरिया,
तहसील-पंडरिया
जिला-कवर्धा (छ.ग)
पद-शिक्षक
शिक्षा-एम.ए. हिन्दी साहित्य एवं संस्कृत
रुचि-गीत,कविता एवं कहानी लेखन में
अभिव्यक्ति-कवि सम्मेलनों मेँ भाग लेना,
क्षेत्रिय एवं राष्टीय पत्र पत्रिकाओं में गीत कविता और कहानी का निरंतर
प्रकाशन जारी
सम्मान-
(1) साहित्य बुलेटिन नई कलम द्वारा “प्रतिभा सम्मान” से सम्मानित
(2) संगम साहित्य परिषद नवापारा राजिम द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान
(3) भारतीय दलित साहित्य अकादमी छ.ग.राज्य की ओर से “महर्षि वाल्मिकी
अलंकरण” अवार्ड से सम्मानित |

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5 Thoughts to “छत्तीसगढ़ के बासी चटनी”

  1. हेमलाल साहू

    गुरुजी आपमान के रचना बहुत सुघर सुघर हे ।

  2. Mahendra Dewangan Maati

    हमर रचना ल पसंद करेव एकर बर आप ल बहुत बहुत धन्यवाद हे |

  3. Naresh Chandrakar

    आप मन के कविता ह बहुत सुंदर लागिस एकर बर आप ल
    बहुत बहुत बधाई हो

  4. बहुत सुंदर रचना हे,आप मन ल बधाईI

  5. Mahendra Dewangan Maati

    कविता ल पसंद करेव एकर बर धन्यवाद वर्मा जी |

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