छत्तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव adminबासी खाना छूटगे, आदत परगे, चायपेट भरे ना पुरखातरे, ये कईसन बकवायये कईसन बकवाय, सबो दुख-सुख मा लागूदेंवता अतरे फूल, चाय तो पंहुचे आगूकह रंगू कविराय, सुनगा भाई घांसीसबला होना चाय, बिटामिन छोडे बासी ।रंगू प्रसाद नामदेव