रायपुर, 12 फरवरी 2017, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मासिक रेडियोवार्ता ‘रमन के गोठ’ म छत्तीसगढ़ म माघ पूर्णिमा के अवसर म आयोजित राजिम महाकुंभ अउ दामाखेड़ा के माघी पुन्नी मेला के गोठ करके मुख्यमंत्री ह सुनईया के दिल जीत लिस।
मुख्यमंत्री ह आकाशवाणी ले अपन रेडियोवार्ता के शुरूआत सहज-सरल छत्तीसगढ़ी भाषा म करिन। उमन दामाखेड़ा म आयोजित कबीर पंथी मन के प्रसिद्ध मेला संग राजिम महाकुंभ के तको बात करिन। डॉ. सिंह ह कहिन के माघी पुन्नी ले शुरू होए कबीर धरम-नगर दामाखेड़ा के मेला म शामिल होय के अवसर मिलिस। ये हमर सौभाग्य आय के छत्तीसगढ़ ल संत कबीर के अब्बड़ आशीर्वाद मिले हे। अउ राज्य के विकास म कबीरपंथी मन के सहयोग मिले हे। संत कबीर के कृपा ले छत्तीसगढ़ समरसता के, शांति के, बराबरी के, समानता के अउ आपसी प्यार के राज्य बने हे। जम्मो कबीरहा भाई-बहिनी मन ल साहेब बंदगी साहेब। परनदिन ले राजिम मेला शुरू हो गे हे।। जेन हर अब राजिम कुंभ के नाम ले देश अउ दुनिया म प्रसिद्ध हे। ए दारी माघी पुन्नी के दिन राजिम कुंभ के बारा बछर पूरा होइस हे अउ मेला के समापन महाशिवरात्रि के दिन होही। महाशिवरात्रि हमर सब समाज के बड़का तिहार हे। हमर आदिवासी समाज बूढ़ादेव के स्वरूप ल पूजथे।
मुख्यमंत्री ह आघू कहिन के भगवान राजीव लोचन, कुलेश्वर महादेव, शिवशंकर भगवान, बूढ़ादेव के पूजा-पाठ के संगे-संग ‘छत्तीसगढ़ के प्रयाग’ म नहाय के अब्बड़ महात्तम हे। देस-परेदस के साधु-महात्मा मन के भागवत, प्रवचन, कीर्तन राजिम म चलत हे, जेखर आनंद अउ पुन-परताप आप मन ल मिलत हे। माघी पुन्नी के दिन हमर प्रदेश के जम्मो नदिया-तरिया म नहाय जाथे, डुबकी लगाय जाथे, अन जघा-जघा मेला घलोक भराथे। आप सबो मन ल ए बेरा म मोर तरफ से बधाई अउ शुभकामना हे।
इही कड़ी म मुख्यमंत्री ह राज्य के प्रसिद्ध कवि श्री लक्ष्मण मस्तूरियां के एक लोकप्रिय गीत- मोर संग चलव रे-मोर संग चलव गा’ ल घलव सुरता करिन। उमन ये गीत के ये पद ल पढ़ीन –
मैं लहरी अंव मोर लहर म,
फरौ-फूलौ हरियावव
महानदी म अरपा पैरी
तन-मन धो फरियावव
कहां जाबे बड़ दूर हे गंगा।
मोर संग चलव रे
मोर संग चलव गा।