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कबिता : मोर अंगना मा बसंत आगे ना

आगे बसंत आगे ना, मोर अंगना मां बसंत आगे ना
पियर-पियर आमा मउरे, लाली-लाली परसा फूले
मन मंदिर महकन लागे ना, आगे बसंत आगे ना।
मुच-मुचावय फगुनवा, मुच-मुचावय फगुनवा
मन न ल महर-महर महकावय फगुनवा
फगुनवा के रंग बरसाय बर बसंत आगे ना।
महुवा के रस मन ला मतावन लागे ना
बैरी बसंत हिरदे मां मया के बान चलावन लागे ना
आगे बसंत आगे ना, मोर अंगना मा बसंत आगे ना।
पियर-पियर सरसों फूलें, लाली-लाली परसा
हिरदे मां करत हावय मधु बरसा
अमुवा के डार मां कोयली कुहकन लागे ना
आगे बसंत आगे ना, मोर अंगना मां बसंत आगे ना।’
जवाहर लाल सिन्हा
ग्राम- मचेवा डाकघर- बम्हनी
तहसील-जिला- महासमुन्द
फोटू गूगल ले साभार
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admin