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कविता

कबिता: वाह रे मोर गाँधी बबा के नोट

Hemlal photoवाह रे मोर गाँधी बबा के नोट,
जम्मो भारत मा तोरेच गोठ।
तोर नोट के बीना कुछ बुता नई होवे,
जम्मो भारत मा तोरेच शोर उड़े।

5,10,20,50,100,500,1000 के नोट मा फोटो चिपके,
कुछु समान ले नोट मा तोर फोटो देख समान देवे।
वाह रे मुण्डा बबा तोर नोट के कमाल,
तोर नोट के खातिर होवत हे गोलमाल।

तोर फोटो छपे नोट रखे ले मान,सम्मान ईज्जत बड़े,
तोर नोट ला देखा के बड़े बड़े काम करा ले।
बबा तोर नोट बड़ कमाल के हे,
तोर फोटो चिपके नोट ला देमा सबो जिनिस मिले।

गाँधी बबा के नोट ला देख के पगला जाथे,
इही नोट ला पाये बर मनखे अपन इमान ला बचे।
तोर नोट के खातिर जगह—जगह चोरी —डाका होवत हे,
देख बबा कइसन जवाना आगे तोर सत्य के रद्दा ला भुलागे।

बबा तोर नोट मा एतका ताकत सत्ता शासन ला हिला देथे,
तोर नोट हा भाई ला भाई के बईरी बना देथे।
गाँधी बबा तोर नोट के कतका गुन ला गावव,
तोरेच नोट बर बुता बनिहारी ला करव।

वाह रे मोर गाँधी बबा के नोट,
जम्मो भारत मा तोरेच गोठ।
तोर नोट के बीना कुछ बुता नई होवे,
जम्मो भारत मा तोरेच शोर उड़े।

हेमलाल साहू

5 replies on “कबिता: वाह रे मोर गाँधी बबा के नोट”

सुनिल शर्मा "नील"says:

सुग्घर नोट के गोठ……..

Mahendra Dewangan Matisays:

बहुत सुघ्घर लागिस साहू जी आपके कविता ह
बधाई हो ।

Hemlal sahusays:

aapman la bahut bahut dhanyawad bhaiya jon mor rachna la pasad karew

RAM LAKHAN KAHRA JANJGIR CHHATTISHGARHsays:

HEM LAL SAHU APKO BAHOOT BAHOOT BADHIYA AAPMAN NOT KE VISAY MA BAHOOT ACHCHHA KAWITA BANAY HA AKAR LIYE DHANYAWAD.

Hemlal Sahusays:

आप ला बहूत बहुत धन्यवाद भैया जोन हमर कविता ला पसंद करेव। जय जोहार आपमन ला।रामलखन जी

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