कमरछठ कहानी (6) – सोनबरसा बेटा

वीरेन्द्र सरल
एक गांव में एक झन गरीब माइलोगन रहय। भले गरीब रिहिस फेर आल औलाद बर बड़ा धनी रिहिस। उहींच मेरन थोड़किन दूरिहा गांव में एक झन गौटनीन रहय। ओखर आधा उमर सिरागे रहय फेर ओहा निपूत रहय। एक झन संतान के बिना ओखर जिनगी निचट अंधियार रहय।
एक समय के बात आय। गरीबिन घर एक झन मंगन जोगी आइस। ओ समें गरीबिन फेर अम्मल में रिहिस। जोगी किहिस-बेटी! तैहा बड़ा किस्मत वाली अस। ये पइत तो तोर घर सउंहत भगवाने अवतरही। तोर अवइया बेटा ह घातेच गुणी होही। ओखर आय ले तोर घर अन्न-धन , गउ लक्ष्मी के भंडार भर जही। तोर नाव के षोर ला ओहा देष दुनिया में बगराही।
समय अइस तहन गरीबिन ह एक झन सुघ्धर अकन बेटा ला जनम दिस अउ बेहोष होगे। ओखर गोसान ह गरीबी के सेती उही लइका ला गौटनीन ला दान कर दिस। जब गरीबिन ला होष आइस तब ये पइत तोर कोख ले मरे लइका जनम धरिस हे कहिके ठग दिस। रो-रो के गरीबिन के जीव छुटे लगिस।अइसे-तइसे करत साल दू साल बितगे।
येती गरीबिन देखथे कि सदा दिन के निपूत गौटनीन के घर उदुप ले लइका के जनम होय हावे अउ जब ले ओ लइका के जनम होय हे तब ले उखर घर मनमाने धन बाढ़त हे अउ सुख संम्पति के भंडार भरत हावे। गरीबिन ला जोगी बबा के बात सुरता आय। ओहा सोचे कहूं मोरेच लइका ला तो उहां नइ लेग गे होही?
एक दिन गरीबिन ह हिम्मत करके गौटनीन घर पहंुचगे। गौटनीन ह अपन लइका ला लुकाय उपर लुकाय परे। अब तो गरीबिन के षक ह पक्का होगे। ओहा गांव भर के सियान मन ला नियाव बर गोहार लगाय लगिस। ये बात के पता चलिस तब गांव भर कटाकट बइठका होइस। लइका ला गरीबिन अपन आय कहाय अउ गौटनिन ह अपन। फैसला करना मुष्कुल होगे। परमाण काखरो मेरन नइ रहय। आखिर में गरीबिन किहिस-‘‘ ददा हो! एक काम करव, भूखाय लइका ला सात ठन लुगरा के घेरा भीतरी बइठार के राखे रहव। गौटनीन अउ मै दुनो झन घेरा के बाहिर ले लइका ला दुध पियाय के उदिम करबो। जेखर छाती के दूध के धार ह लइका के मुंहू तक पहुंचगे तब समझहूं, लइका ओखरे आय। सियान मन तैयार होगे। वइसनेच करे गिस। अब गौटनीन ह तो कोनहो लइका ला जनम नइ दे रिहिस तब ओखर छाती ले दूध कहां ले आतिस? गरीबिन ह कमरछठ भगवान के सुमरन करके अपन छाती ले दूध निथारिस जउन ह सात लुगरा के घेरा ला पार करके सोझे लइका के मुंहू तक पहुंचगे। सियान मन दंग रहिगे। गौटनीन ला पूछिस तब ओहा सब बात ला बफलदिस। भेद खुलिस तब गरीबिन के गोसान घला मुंहू ओथार के खड़े होगे। सियान मन लइका ला गरीबिन ला सौप दिन। जइसे गरीबिन के दिन बहुरिस तइसे सब के दिन बहुरे। बोलो कमरछठ भगवान की जय।

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