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किसानी के गीत

आवा आवा रे आवा ना,
किसान अऊ बनिहार मन आवा ना।
आगे आगे रे आगे ना,
बारीश के दिन बादर आगे ना।

चलव चलव रे चलव ना,
खेती अऊ खार चलव ना।
आवा आवा रे आवा ना,
किसान अऊ बनिहार मन आवा ना।

धरव-धरव रे धरव ना,
नागर अऊ बैइला ला धरव ना।
बोवव-बोवव रे बोवव ना,
धान गेहूँ ला बोवव ना,
आवा आवा रे आवा ना
किसान अऊ बनिहार मन आवा ना।
निदव-निदव रे निदव ना,
बन अऊ कचरा ला निदव ना।
डालव डालव रे डालव ना
खातू अऊ माटी ला डालव ना।
करव- करव रे करव ना
बियासी अऊ बतर ला करव ना।

देखव देखव रे देखव ना
मुही अऊ पार ला देखव ना।
निकालव निकालव रे निकालव ना
करगा अऊ बदवरी ला निकालव ना।
लुवव लुवव ने लुवव ना
धान अऊ गेहूँ ला लुवव ना
नानव नानव रे नानव ना
धान अऊ गेहूँ ला नानव ना।
मिसव मिसव रे मिसव ना
धान अऊ गेहूँ ला मिसव ना।

धरव धरव रे धरव ना
कोठी अऊ किरगा मा धरव ना।
आवा आवा ने आवा ना
किसान अऊ मजदूर मन आवा ना।
नाचव नाचव रे नाचव ना
किसान अऊ मजदूर मन नाचव ना।
गावव गावव रे गावव ना
करमा अऊ ददरिया गावव ना।

जनम जनम के बंधना संगी, मया प्रित के छाँव।
छत्तीसगढ़ के मया करईया, गाँव देहात के ताव।

हेमलाल साहू

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