Categories: गीत

कुण्डलियाँ

नंदावत चीला फरा,अउ नंदाय जांता ।
झांपी चरिहा झउहा,नंदावत हे बांगा।
नंदावत हे बांगा,पानी कामे भरबो।
जांता बीना हमन,दार कामे दरबो
कहत “नुकीला” राम,नवा जबाना हे आवत।
गाड़ा दौरी नांगर,सब जावत हे नंदावत।

आगी छेना बारि के,सब झन जाड़ बुताय।
गोरसी आगु बैठि के,लफ लफर गोठियाय।
लफ लफर गोठियाय,काम करे न धाम करे।
चारी चुगली करत,जिनगी ल अंधियार करे।
कहत “नुकीला” राम,  सुनव रे म मोरे रागी।
गिस मांगे ल आगी, अउ लगादिस घर आगी।

नोख सिंह चंद्राकर “नुकीला”
पता :- गाँव – लोहारसी
पोष्ट – तर्रा
तह.-पाटन
जिला – दुर्ग(छ.ग.)

व्याख्याता(पंचायत)
शास.हाई स्कूल सिर्रिकला,
वि.ख.- फिंगेश्वर

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