Categories: कविता

😜चल संगी चुनाव आगे😜

चल संगी चुनाव आगे,नेता मन हा फेर बऊरागे
कोनो बाँटय साल-सेटर कोनो बने हे मयारू
कोनो बाँटय लुका-लूका के गली गली मा दारु
स्वारथ ला साधे बर सबो बादर कस छागे!
    चल संगी चुनाव…………….
घर-घर मा नेता दिखय मतदाता हा नंदागे
भाई,भाई संग लड़त-भिड़त हे नता हा गँवागे
पइसा झोंकेव बोट ला दे बर
तभे तो बिकास देखे तोर जिनगी हा पहागे!
      चल संगी चुनाव…………     
तरिया सुखागे बिन पानी के नदिया हा अटागे
फुदकी उड़य गाँव गली म नाली हा पटागे
सोंच समझ के दुहु बोट ला बने मनखे ला जिताहु
लालच में झन आहू भइया नइते फेर “भजिया”ला खाहु|
      चल संगी चुनाव………..

        सुनिल शर्मा
          दि.-11/12/2014

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