नवग्रह के पूजा करैं, पूजैं गौरी-गनेस।
खप्पर-कलस ला पूज के, काटयं कलह-कलेस।। ओ मईया ……
तोर चरण अर्पण करवं, नरियर, मेवा, पान।
जय अम्बे, जगदम्बे मा, जग के कर कल्यान।। ओ मईया ……
मन बिस्वास के आरती, सरधा-भक्ति के फूल।
अर्पित हे तोर चरण मा, हाँस के कर ले कबूल।। ओ मईया ……
अगर-कपूर के आरती, गोंदा के गरमाल।
पूजा बर मैं लाये हौं, कुंकुम, सेंदुर, गुलाल।। ओ मईया ……
ब्रम्हानी-रुद्रानी मा, कमलारानी देख।
सुर नर मुनि जन दुवार मा, पड़े हे माथा टेक।। ओ मईया ……
सुम्भ-निसुम्भ सँहार करे, मधु-कैटभ दिए मार।
जब-जब पाप खराए हे, करे जग के उद्धार।। ओ मईया ……
डम डम डम डमरू बजै, बाजै ताल मिरदंग।
भक्तन नाचे झूम के, चढ़े भक्ति के रंग।। ओ मईया ……
देव मुनि सुमरै सदा, सेवा गावैं संत।
वेद-पुरान बखान करैं, महिमा तोर अनंत।। ओ मईया ……
माई के मंदिर सदा, जगमग जागे जोत।
जेकर दरसन में मिली, सुख-सरिता के स्त्रोत।। ओ मईया ……
अरुण कुमार निगम
सरलग ….
अब्बड़ सुन्दर लगीस अरूण भाई के दोहा मन।