मुरहा पोटरा आन ददा,
लात ल तंय झन तान ददा।
पानी टेक्टर भुइया तोर,
हमला नौकर जान ददा।
छेरी पठरू गाय गरू,
तोरेच आय दइहान ददा।
पांव परे म हम अव्वल
देन करेजा चान ददा।
चमकाहू तलवार तभो,
करबो हम सनमान ददा।
तुंहर असन संग का लड़बो,
हमरे हे नकसान ददा।
मालिक आंही बाहिर ले,
इंहा इही फरमान ददा।
नइये जिंकर कहूँ थिरवांह,
छत्तीसगढि़या जान ददा।
आव तुहीं मन घर मालिक
हम परदेशी तान ददा।
डॉ.परदेशीराम वर्मा
एलआईजी 168, आमदी नगर,
भिलाई.