Categories: कविता

पानी हे अनमोल

भईया, बड़ कीमत के बोल।
पानी हे अनमोल॥
पानी ले हे ये जीवन।
नदिया, सागर, परबत, बन॥
पानी ले जिनगी हरियर हे।
खुसियाली घर-घर हे॥
कवन बताही येकर मोल।
पानी हे अनमोल॥
जीव जगत सबके अधार।
पानी ले ये सब संसार॥
हंसी गोठ सब के सार।
येकर महिमा अपरम्पार॥
बचावव बूंद-बूंद तौल।
पानी हे अनमोल॥
कटगे जंगल, कमती होगे बरसा।
जीव-जंतु मनखे के होगे दुरदसा॥
सही कर व येकर उपयोग।
जंगल, झाड़ी, परकीरति संजोग॥
चेत रे मनखे, आंखी खोल।
पानी हे अनमोल॥

आनंद तिवारी पौराणिक
महासमुंद

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