एक ठिन हाना हवय- जईसन दिख वइसन लिख, बुधराम यादव जी उही बात ल लिखे हे जउन उन देखे हे। हिन्दी अउ छत्तीसगढी़ दूनो म समान अधिकार रखईया अपन सम्पूर्ण साहित्य जीवन के पूरा निचोड़ ल यादव जी दोहा सतसई म उकेरे हवय। दोहा म रूपक, अनुप्रास अउ उपमा अलंकार के सुग्घर प्रयोग घलो देखे म मिलथे। परंपरा अनुरूप कई ठिन दोहा म अपन नाम के प्रयोग कवि ह करे हवय जेकर ले दोहा के सौदर्य बाढ गे हवय। दोहा के भाखा सरल, सहज सुगम अउ ठेठ हवय। दोहा मन विधान सम्मत हवय। किताब के हर पेज म दोहा म प्रयोग कठिन छत्तीसगढी़ शब्द के अर्थ हिन्दी म घलो दे गे हवय ताकि हिन्दी भाषी पाठक ल कोनो किसिम के परेशानी झन होवय।
जइसे चकमक पथरा म चिंगारी होथे वइसने कवि के दोहा म चिंगारी हवय। येमा चिटकुन भी संदेह नई हे कि श्री यादव जी के दोहा छत्तीसगढी साहित्य ल नवा दिशा देही। छन्द के साधक संग पाठक मन घलो इंकर दोहा ले भरपूर लाभ लेही। कवि के शब्द चयन सटीक हवय संगे-संग अट्सन कई शब्द आप के दोहा म आय हवन जडउन अब नंदात हे। दोहा म मुहावरा अउ कहावत के सुंदर प्रयोग भी मिलथे जेकर ले दोहा के सौंदर्य बाद गे हवय। जीवन के लगभग हर पहलू ल छुए के प्रयास कवि करे हवय। श्री यादव जी के चुनिंदा दोहा ल पाठ्यक्रम म सम्मिलित करे जाय जेकर ले महतारी भाखा म उत्कृष्ट दोहा छंद उपलब्ध हो सकय।
छत्तीसगढी साहित्य म छंद विधा ल पोषित अउ पोठ करे के काम बुधराम यादव जी करे हवय। उँकर मेहनत ल मोर नमन। छत्तीसगढी म प्रकाशित अइसन उत्कृष्ट साहित्य के दूनों भूमिका हिन्दी म लिखे गे हवय, भूमिका छत्तीसगढी म होना रहिस। पुस्तक संग्रहणीय हवय, बधाई शुभकामना।
पुस्तक चकमक चिंगारी भरे
साहित्यकार -बुधराम यादव
प्रकाशक श्री अक्षय पब्लिकेशन,इलाहाबाद अजय अमृतांशु
मूल्य ~250/- मात्र
समीक्षक – अजय ‘अमृतांशु’