Categories: कविता

फुगड़ी गीत

चल टूरी चल टूरी खेलबो फुगड़ी,
फुगड़ी रे फाय-फाय फुगड़ी।
सुरूज लुका गे, चंदा टंगा गे,
फुगड़ी के खेलत ले आगी बुतागे,
होगे भात गिल्ला
लांघन माई पिल्ला
ददा गुसियाही, दाई दिही गारी।
चल-चल टुरा अब तोर पारी।
चल-चल टूरा खेलबो फुगड़ी,
फुगड़ी रे फाय-फाय फुगड़ी।
सावन गढ़ा गे नागर फंदागे
फुगड़ी के खेलई मां बेरा पहागे।
मेंचका के गाना,
नइए एको दाना।
कोदो न कुटकी आरी न बारी,
चल-चल संगी अब सबके पारी।
चल-चल संगी खेलबो फुगड़ी
फुगड़ी रे फाय-फाय फुगड़ी।
फरियर पानी मां खोखमा के फूल,
आमा तरी मां झूलना झूल।
काकर ये लउठी?
गांधी बबा के।
काकर ये टोपी?
नेहरू कका के।
ये लउठी ला का करबो?
बैरी ल ठठाबो।
रंगरेज भगाबो।
सुराज लाबो।
झंडा फहराबो
फुगड़ी रे फाय-फाय फुगड़ी।
चल संगी, चल संगी खेलबो फुगडी।
श्रीमती शशि साहू
बाल्कोनगर
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