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कविता

बबा अऊ ढोकरीदाई मन के गोठ बात

Hemlal photoबबा अऊ ढोकरीदाई मन के गोठ बात
बने कान देके सुन झन ते भाग।
अपन जवाना के गोठ ला गोठियाही
सुघ्घर मया प्रेम के बात ला बताही।
सही रद्दा मा चले बर सिखाही
सुघ्घर जिन्दगी के रद्दा धराही।
दु भाखा खरी खोटी सुनाही
नानम प्रकार के गोठ ला गोठियाही।
किस्सा कहानी तोला सुनाही
दु पैसा बचाये बर तालो सिखाही।
अपन जवाना के गोठ ला गोठियाही
सुघ्घर मया प्रेम के बात ला बताही।
बबा अऊ ढोकरीदाई मन के गोठ बात
बने कान देके सुन झन ते भाग।

हेमलाल साहू

2 replies on “बबा अऊ ढोकरीदाई मन के गोठ बात”

sunil sharmasays:

सुग्घर बिषय ऊपर रचना करेव भाई…..बने लागिस…जय जोहार

Hemlal Sahusays:

आपमन हमर रचना ला पसंद करेव ओकर बर बहुत बहुत धन्यवाद भाई सुनील शर्मा जी

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