एखर बाद दूसर काम पेट साफ करे के हवय। पानी पीये के बाद शौचालय जाना चाहिए। पेट के सही ढंग से साफ नई होय ले 108 प्रकार के बीमारी होय के संभावना रहिथे। खाय के कम से कम डेड़ घंटा बाद पानी पीना चाहिये।
अउ का – का कर सकत हन
1- खाय के बाद मही, दही ल जरूर पी सकत हन। बिहिनिया हमेशा जूस पीना चाहिए अउ दूध ल हमेशा रात के पीना चाहिए।
2- फल ल हमेशा बिहिनिया खाना चाहिए अउ मंझनिया घलो खा सकत हन।
3- जहां तक हो सकय त शक्कर ल छोड़ के गुड़ के प्रयोग करना चाहिए। शक्कर हर बहुत कन बीमारी के जड़ आय। खाना बनाय म हमेशा काला नमक या सेंधा नमक के प्रयोग करना चाहिए।
4- आयोडीन के कमी ल सफेद प्याज अउ कच्चा भांटा हर दुरिहा कर देथे। बिहिनिया के भोजन ल हो सकय त सूर्य उगे के 3 से 4 घंटा के भीतर कर लेना चाहिए काबर के ए समय मनखे के जठराग्नि तेज होथे। खाये के बाद 20 मिनट बर डेरी डहर करवट लेके सूत जाना चाहिए एखर से आराम मिलथे।
5- रात के खाये के बाद तुरते नई सूतना चाहिए। रात के खाय के बाद थोरकिन घूमना-फिरना चाहिए। खाय के कम से कम 2 घंटा के बाद सूतना चाहिए।
6- मैदा के जिनिस जइसे पिज्जा, बर्गर आदि नई खाना चाहिए काबर के ए जिनिस मन ल सड़ा के बनाय जाथे।
7- सूते के बेरा हमेशा मुड़ी ल उत्ती डहर करके सूतना चाहिए। एमा एक ठन बात अउ हवय के जेन मनखे हर ब्रह्मचारी हवय तेन पूर्व दिशा मुड़ी करके सूतयं अउ नइये तेन हर दक्षिण दिशा करके सूतय, उत्तर अउ पश्चिम डहर मुड़ी करके बिल्कुल नई सूतना चाहिए।
अगर ये उपाय ल नियम से करे जाय त 1 से 2 महीना के म हमर दिनचर्या स्वस्थ अउ बढ़िया हो जही।
संकलन अउ अनुवाद
मनोजकुमार श्रीवास्तव
शंकरनगर नवागढ़
जिला-बेमेतरा छ.ग.
मो. 8878922092