हमर समाज में भक्ति पूजा के बड़ महिमा हे। हमर भगवान के भक्ति अपन मनोकामना पूर्ण करे बर करथन। हनुमान जी के पूजा अपन शारीरिक शक्ति बढ़ाय बर करथन। अखाड़ा मन म हनुमान भगवान के फोटो अऊ मूर्ति रहिथे जेकर सामने जमके कसरत करथन। देवी मनके महिमा भी अपार हे। ज्ञान प्राप्ति बर सरस्वती मां के, धन प्राप्ति बर लक्ष्मी मां के अऊ शक्ति बर दुर्गा मां के पूजा करथे। पूजा पाठ करत करत भक्त के पूजा करथे में जउन देवता के पूजा करथें ओहर प्रवेश कर लेथे। ओकर व्यवहार वो भगवान सरीख हो जाथे। जैसे हनुमान जी के भक्त ह वीरता के कार्य करे लगथे। छत ऊपर ले जै बजरंग बली कहिके कूद देथे अऊ टांग ह टूट जाथे। कई बार कोयला के आगी ऊपर ले दौड़ जाथे अऊ पांव म फोरा पड़ जाथे। कई आदमी मन कांटा वाला तार के हंटर बनाथे अपन शरीर ल देवी चढ़गे कहिके नाचे लगथें। अइसने एक घटना बड़ौदा के हे उहां के महाराजा ल शाबा जी महाराज कहिके भीमराव जी अम्बेडकर जी, महर्षि अरविंद आदि कई महापुरुष ल ये मन पढ़ाय बर मदद करे रहिन। उनकर एक 4-5 किलोमीटर के क्षेत्र में एक बहुत बड़े उद्यान हे। ऊंहा चिड़िया घर भी हे। कई विदेशी मन के बनाय सुन्दर-सुन्दर मूर्ति हे। चिड़ियाघर में शेर, सिंह, भालू आदि हिंसक एक वन्यप्राणी हें। एक सिंह के घर असन हे जेला ऊपर से यात्रीमन देखथें। सिंह के कमरा ह ऊपर ले लोहा के मोटा-मोटा छड़ से ढंके हे अऊ एक छोटे से दरवाजा हे। जेमा से सिंह ल भोजन देवइया अउ सफाई वगैरह कंरय। एक दिन एक आदमी ऊपर दुर्गा माई आवय। ओहर नीचे सिंह ल देखके एकदम बेकाबू होगे। सिंह मोर वाहन ये कहिके ओकर चढ़े बर व्याकुल होगे। कइसनो करके सिंह के घर के छोटे लोहा के दरवाजा ल खोलके अंदर कूदथे सिंह ऊपर कूदके चढ़गे। सिंह घबड़ा गे। मगर थोड़किन देर बाद आदमी ल पहिचानगे अऊ ओकर शरीर ल फाड क़े खाय लगिस। सुरक्षा कर्मी मन देखत रहिन फेर कुछु नई करे सकिन। हमन ला हमार मित्र जउन मनला देवता चढ़थे तेला संभाल के रखना चाही ताकि कोई दुर्घटना घटित झन होवय।
बलराम शर्मा
सुंदर नगर,रायपुर
बलराम भाई ! बने लिखे हस ग ! मनखे हर अपन अदम्य सौंख ल पूरा करे के ओढर खोजत रहिथे अऊ भगवान ल कमजोर कडी पा के वोकरे शरण म ऊटपटांग हरकत ल करथे ताकि वोहर समाज ल भरम म रख सकय ।