भारत रक्षा खातिर आबे, गणनायक गनेस ! भ्रस्टाचार के बेड़ी म बंधागे ! आज हमर देस !!
गरीब के कोनो पुछइया नइये, मनखे धरम ल भुलत हे ! गाय मरत हे चारा बिना, किसान फंदा म झुलत है !! चोर गरकट्टा मन गद्दी म बइठे, धरके रखवार के भेस….
राम कुमार साहू सिल्हाटी, कबीरधाम