सियान मन के सीख ला माने मा ही भलाई हे। संगवारी हो तइहा के सियान मन कहय-बेटा! हमला हर काम ला बने सोच-विचार के करना चाही रे। कभू अपन विचार ला खराब नई होवन देना चाही। हमला हर परिस्थिति में अच्छा सोच-विचार ले के ही कोनो काम ला करना चाही। फेर संगवारी हो हमन नई मानन। आज अतेक सुविधा होय के बावजूद हमर अतका बुता बाढ़ गै हावय के हमर करा सोचे के टाईम नई हे। अउ ए बात के हमला बहुत नुकसान उठाना परथे।
संगवारी हो हमर विचार के हमर जिनगी मा भारी महत्तम हावै काबर के हमर जउन भी उपलब्धि हावै वो हर हमर सोच के कारन हावै। हमर सोच-विचार मा बहुत असर होथे। हमर उपर तो हमर सोच के असर होबे करथे फेर हमर संग मा रहवइया मनखे मन उपर घलाव हमर सोच के असर होथे। हमर विचार हर अइसे होना चाही जेखर से सब के भला होवय अउ कखरो नुकसान झन होवय फेर कहूं हमर सोच हर उल्टा होगे तब एखर नुकसान घलाव हमला उठाए बर परथे। एक तरफ हमर बने विचार-धारा मा हमला इंसान से भगवान बनाए के ताकत होथे तो दूसर तरफ हमर खराब विचार-धारा मा हमला इंसान से हैवान बनाए के घलाव ताकत होथे। संगवारी हो हमर विचार के हमर रूप-रंग, हमर चाल-ढाल, हमर बोली-भाखा, हमर रहन-सहन, हमर खान-पान उपर भारी असर होथे। इंहा तक के हमन जउन-जउन जिनिस ला बउरथन ओ जम्मों जिनिस मा घलाव हमर विचार हर समा जाथे एखरे सेती तो हमन महामानव मन के जिनिस ला धरोहर के रूप मा बरसों-बरस सम्भाल के राखे रहिथन नई तो उॅखर ओढ़ना-कपड़ा अउ जूता-पनही मा अइसे का खास बात हावै जउन कि हमन ओला संग्रहालय बना के सुरक्छित राखे हावन। झांसी के रानी के तलवार में, महात्मा गाँधी के चस्मा में, चरखा में अइसे का खास बात हावै के ओला देखके आज भी उॅखर सत्य अउ अहिंसा के पाठ हर सुरता आ जाथे अउ हमर रोम-रोम मा उत्साह के संचार हो जाथे।
रश्मि रामेश्वर गुप्ता