- पद्मश्री डॉ॰ मुकुटधर पाण्डेय के कविता
- नवा बछर म करव नवा शुरुआत
- मइया पांचो रंगा
- छत्तीसगढी कुण्डली (कबिता) : कोदूराम दलित
- कोण्डागांव : कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक अउ सहायक प्रोग्रामर के उम्मीदवार मन के सूची जारी
- नाटक अऊ डॉ. खूबचंद बघेल
- सुरता लंव का दाई तोर गांव मा
- गरजइया कभू बरसय नहीं
- गुजरा के कुंदन के “अंतर्राष्ट्रीय अंटार्कटिका” अभियान बर होइस चयन
- गाँव लुकागे
- कान्हा के होली ( छत्तीसगढ़ी फाग गीत )
- कपड़ा
- गज़ल : छत्तीसगढ़ी गज़ल संग्रह “बूड़ मरय नहकौनी दय” ले 3
- मंगत रविन्द्र के कहिनी ‘दुनो फारी घुनहा’
- अकती के तिहार
- नान्हे कहिनी : नोनी
- बरी-बिजौरी मा लुकाय बिग्यान
- गणेश चतुर्थी पर कविता
- सुजान कवि के सुजानिक छन्द कविता : छन्द के छ
- घानी मुनी घोर दे : रविशंकर शुक्ल
- नवा बछर म देखावा झन करव तुमन
- बसंत के बहार
- आरटीओ चेकिंग : समसामयिक हास्य संस्मरण
- भोलापुर के कहानी : कहानी संग्रह
- तिल लाड़ू खाबोन – मकर संक्रांति मनाबोन
- भासा के लड़ाई कहां तक
- मुख्यमंत्री संग संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ह सौजन्य मुलाकात करिन
- नउकरी लीलत हमर तीजतिहार
- पानी बिना जग अंधियार
- भाई दीदी असम के
- कबिता : चोरी ऊपर ले सीना जोरी
- पंदरा अगस्त के नाटक
- परतितहा मन पासत हे
- माटी के दियना
- आगे सावन रे
- परेम : कहानी
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल सुरूज ला ढि़बरी देखाए देबे अउ मर जवान, मर किसान
- नारी हे जग में महान
- छत्तीसगढ़ी भाषा म बाल-साहित्य लेखन के संभावना अउ संदर्भ
- मया के दीया
- एक डंडिय़ा : माटी के पीरा…
- बियंग ( संदर्भ – घेरी बेरी होवत किसान मन के मौत ) : बिसेला कोन
- दोहा : गरमी अऊ पानी
- टिकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’ के छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह : ठूठी बाहरी
- प्रकृति के पयलगी पखार लन
- सेहत के खजाना – शीतकाल
- छत्तीसगढ़ी कविता : सीडी महिमा
- फुटहा छानी
- रूख तरी आवव
- तोर बोली कोयली जइसन हे
- प्रेम दीप
- मोर संग चलव रे
- मेक इन इंडिया के सपना ल साकार करत हे देवांगन समाज : डॉ. रमन सिंह
- बाबा गुरु घासीदास के सब्बे मनखे ल एक करे के रहिस हे विचार मनखे मनखे एक समान
- महेन्द्र देवांगन माटी के कविता : बसंत बहार
- अरुण कुमार शर्मा ल एसो के “पद्म श्री” सम्मान
- मन के लाड़ू
- जानबा
- छत्तीसगढ़ी भासा बर सकारात्मक संवाद जरूरी हे
- धीर लगहा तैं चल रे जिनगी
- सरगुजिहा गीत- दिन कर फेर
- चिरई चिरगुन अतका तको नईये, वाह रे मनखे
- बसंत पंचमी के तिहार
- शेषनाथ शर्मा ‘शील’ के बरवै छंद
- छत्तीसगढ़-गौरव
- तैंहर छोटे झन जानबे भइया एक ला : केयूर भूषण के गीत
- सरकारी इसकूल
- पहिचान: भूपेंद्र टिकरिहा के कविता
- सरपंच कका
- नेता पुरान
- करगा – [लघु-कथा संग्रह ] समीक्षा
- विचार के लहर : सियान मन के सीख
- छत्तीसगढ़ी तिहार : छेरछेरा पुन्नी
- न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में असिस्टेंट के 984 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित
- पातर पान बंभुर के, केरा पान दलगीर
- गड़बड़ी के ताक म ताकत मनखे मन ल मुख्यमंत्री के चेतावनी
- अक्षय तृतीया
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- सियान मन के सीख : ए जिनगी के का भरोसा
- गुरतुर गोठ परकासन के बारे म सूचना
- जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव-कृषि मेला ले बनिस छत्तीसगढ़ के पहिचान
- कहिनी : बाढ़ै पूत पिता के धरम
- छत्तीसगढ़ी कुण्डलियां
- संगी मन संग अपन गोठ-बात
- होरी हे रिंगी चिंगी : रंग मया के डारव संगी
- दारु भटठी बंद करो
- सच्चा चेला
- धरनहा – पं. जगमोहन प्रसाद मिश्र के गीत
- स्वच्छ भारत के मुनादी
- एक बित्ता के पेट : सियान मन के सीख
- दू पीढ़ी के लिखे अनमोल कृति
- कहिनी : हिरावन
- देवारी के दीया
- गरीबा : महाकाव्य (दूसर पांत : धनहा पांत)
- सत अउ अहिंसा के पुजारी गुरु घासीदास
- संस्कार अउ संस्कृति : गोठ बात
- किसान मन के अन्नदान परब छेरछेरा पुन्नी
- डेंगू के कारण कोन
- किरीट सवैया : नाँग नाथे मोहना
- कबिता : मनखे के इमान