- कोंदा मनके भजन महोत्सव – गुड़ी के गोठ
- छत्तीसगढ़ी नाचा के जनक : दाउ दुलारसिंह मंदराजी
- चारो जुग म परसिद्ध सिवरीनरायन
- छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर गांधीवाद का प्रभाव
- कमरछठ कहानी – दुखिया के दुःख
- कुकुर मड़ई माने डॉग शो अउ डॉग ब्यूटी कान्टेस्ट – गुड़ी के गोठ
- नवा बैला के चिक्कन सिंग चल रे बैला टिंगे-टिंग : किरकेट के कहिनी
- बरसा के बादर आ रे : कबिता
- कलिंदर
- कहानी संग्रह : भोलापुर के कहानी – लेखकीय
- धरती के बेटा
- लोरी
- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – गाली, वर्जनाएँ
- नवा बछर के मुबारक हवै
- बेटी के सुरता
- बियंग : बरतिया बाबू के ढमढम
- सुरता चंदैनी गोंदा के
- वृत्तांत- (6) सबे जीव के सरेखा ..रखना हे : भुवनदास कोशरिया
- होली हे भइ होली हे
- डॉ. सी. व्ही. रमन विश्वविद्यालय के कैलेंडर के विमोचन
- किसान के पीरा
- आथे गोरसी के सुरता
- मुख्यमंत्री के अध्यक्षता म 336 करोड़ के निवेश प्रस्ताव उपर एमओयू
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- सी.पी.तिवारी ‘सावन’ के छत्तीसगढ़ी गज़ल
- लगथे आजेच उन आहीं : श्यामलाल चतुर्वेदी के कविता
- अब मंतरी मन बर रेड सिग्नल … लाल बत्ती खतरा हे !
- पूस के जाड़
- जतन बर करन दीपदान
- मुठिया के पेड़
- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – मुहावरे
- धूंका-ढुलबांदर: रवीन्द्र कंचन
- जड़काला मा रखव धियान
- दोहा गजल (पर्यावरण)
- लछनी काकी
- तईहा के गोठ ल बईहा लेगे – कबिता
- रोवा डारिन रियो म
- लोककथा के शिक्षक- संत गुरु घासीदास अउ उंकर उपदेस
- साहित्यिक पुरखा मन के सुरता : नारायणलाल परमार
- मंहगाई
- मन के दीया ल बार
- समे समे के गोठ ये
- पीपर तरी फुगड़ी फू
- दारु संस्कृति म बूड़त छत्तीसगढ़
- मोर गॉंव कहॉं सोरियाव हे : बिन पानी
- छत्तीसगढ़ी कहानी गीत विकलांग विमर्श म
- बसंत पंचमी: नित्यानंद पाण्डेय
- परेवा गीत: बाबूलाल सिरीया दुर्लभ
- लोक कथा : घंमडी मंत्री
- छत्तीसगढ़ी गोठियाय बर लजावत हे
- चमत्कारी हवय अशोक के रूख
- कबीर जयंती : जाति जुलाहा नाम कबीरा बनि बनि फिरै उदासी
- बसंत उपर एक छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- नवा बछर के शुरुआत : कहानी
- छत्तीसगढ़ी कविता : सीडी महिमा
- छत्तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव
- अरुण कुमार निगम के छत्तीसगढी गीत : चले आबे नदी तीर मा …..
- छोटे देवारी के खुशी भारी : देवउठनी एकादशी 31 अक्टूबर
- सरगुजिहा गीत- दिन कर फेर
- फटाका नइ फुटे’ (दिल्ली के बिषय म)
- घटारानी हावे तोर नांव
- आसो के जाड़
- बाबा गुरु घासीदास के सब्बे मनखे ल एक करे के रहिस हे विचार मनखे मनखे एक समान
- समारू कका आई पी एल मैच के दिवाना
- साहित्यिक पुरखा के सुरता – कपिलनाथ मिश्र
- गरीबा : महाकाव्य – दूसर पात : धनहा पांत
- छेरछेरा के तिहार – लइका मन पारत गोहार
- उत्तर कांड के एक अंश छत्तीसगढी म
- जल संसाधन विभाग, सिहावा भवन, सिविल लाइन, छत्तीसगढ़, रायपुर के अंतर्गत अमीन (WRDA17 ) भर्ती परीक्षा – 2017
- लव इन राशन दुकान
- सुरता अइस
- छत्तीसगढ़ी 8वीं अनुसूची म कब? : सुधा वर्मा
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- हरमुनिया – मंगत रविन्द्र के कहिनी
- गोठ बात अउ चिन्हारी सम्मान के आयोजन भिलाई म.
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- स्मृति शेष डॉ.विमल कुमार पाठक के श्रद्धांजली सभा, रामनगर मुक्तिधाम, सुपेला भिलाई के वीडियो
- छत्तीसगढ़ी नाटक – मतदान बर सब्बो झन होवव जागरूक
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- छतीसगढ़िया सबले बढ़िया
- जिनगी जरत हे तोर मया के खातिर
- विकास के काम ल गिनाए के जरूरत नइ होवय, काम खुदे बोलथे : डॉ. रमन सिंह
- चांटी मन के कविता
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