- छत्तीासगढ़ी म परथंम धर्म उपदेशक संत गुरू घासीदास
- अब का पोरा-जाँता जी ?
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पांचवा सम्मेलन के पहिली दिन
- कविता – सुकवा कहे चंदा ले
- कविता: कुल्हड़ म चाय
- सोनाखान के सोन-शहीद बीर नारायण सिंह
- अडहा बईद परान घाती : पटवारी साहेब जब डाग्डर बनिस
- टेंशन वाली केंवटिंन दाई 1
- तभे होही छत्तीसगढ़ी भाखा के विकास
- बोधन राम निषाद राज के तीन छत्तीसगढ़ी गीत
- कुकुर कटायन
- खेती मोर जिंनगी
- छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर गांधीवाद का प्रभाव
- नई उतरिस बिच्छी के झार पटवारी साहेब ला परगे मार
- अग्यातवास
- दिखय नही ओर-छोर, त का करन
- गांव के सुरता
- लोकतंत्र के आत्मकथा
- चल रे चल संगी चल
- अंग्रेजी के दबदबे के बीच छत्तीसगढ़ी की जगह
- उठौ उठौ छत्तीसगढ़ लाल- बंशीधर पाण्डे के गीत
- गोरसी
- संवैधानिक आजादी के सुख पहुंचय आम जनता तक
- सुआ नाचेल जाबो
- सेंदुर के रंग नीला
- महंगइ के चिंता
- संबंध मिठास के नांव ताय मड़ई ह
- महेश पांडेय “मलंग” के छत्तीसगढ़ी कविता
- मिर्चा भजिया खाये हे पेट गडगडाये हे
- मनतरी अऊ मानसून
- दान-पुन के महापरब-छेरछेरा
- शिव भोला ल मनाबोन
- जाड़ के महीना
- अडहा बईद परान घाती : पटवारी साहेब जब डाग्डर बनिस
- दारु संस्कृति म बूड़त छत्तीसगढ़
- श्रीयुत् लाला जगदलपुरी जी के छत्तीसगढ़ी गजल – का कहिबे?
- पंचलाईट
- छत्तीसगढ़ी लोक कथा : जइतमाल के ठेंगा
- जीतेन्द्र वर्मा “खैरझिटिया” के दोहा : नसा
- कहानी : अलहन के पीरा
- गीत : जिनगी के गाड़ा
- लागत हे चुनई आगे
- मतदान : चौपई छंद (जयकारी छंद)
- चुनई के बेरा
- बीमारी ले दुरिहा रहे के सरल उपाय (संकलित)
- खेत के धान ह पाक गे
- नरेन्द्र वर्मा के हाईकू
- घर तीर के रुखराई जानव दवई : बेरा के गोठ
- चित्रगुप्त के इस्तीफा
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- जल संसाधन विभाग, सिहावा भवन, सिविल लाइन, छत्तीसगढ़, रायपुर के अंतर्गत अमीन (WRDA17 ) भर्ती परीक्षा – 2017
- कहां नंदा गे सब्बो जुन्ना खेलवारी मन
- 13 मई विश्व मातृ दिवस : दाई के दुलार (दोहा गीत)
- छत्तीसगढ़ के राजिम धाम
- कल्चर बदल गे
- गीत: सरद के रात
- नान्हे कहिनी : लबारी
- कहिनी : पिड़हा
- सवनाही : रामेश्वर शर्मा
- शरीर के अंग अंग्रेजी, हिन्दी, छत्तीसगढ़ी
- संसो
- छत्तीसगढ़ी नवगीत : पछतावत हन
- हमर घर गाय नइए
- संपत अउ मुसवा
- मक्खी-मच्छर मारो अभियान – कबिता
- बसंत ल देखे बर सिसिर लहुटगे
- अक्ती तिहार
- असम में जीवंत छत्तीसगढ़
- तबलावादक राकेश साहू संग विजय मिश्रा ‘अमित’ के गोठ बात
- छन्द के छ : अमृत ध्वनि छन्द
- फिल्मी गोठ : छत्तीसगढ़ी फिलीम म बाल कलाकार
- हमर बहू – विष्णु पद छंद
- नोनी
- कविता-समाज ल आघू बढ़ाबोन
- सबके अपन रंग
- मैगी के जमाना
- सरगुजिहा बोली कर गोठ
- देवारी तिहार : देवारी के दीया
- नीम चघे करेला- ‘कड़ुवाहट संग हांसी’
- पुतरी के बिहाव – सुधा वर्मा
- गज़ल : छत्तीसगढ़ी गज़ल संग्रह “बूड़ मरय नहकौनी दय” ले 2
- धरसींवा के शिव मन्दिर
- बेरोजगारी के पीरा
- किसान
- चलती के नाम गाड़ी, बिगड़ गे त…
- जानबा : दादूलाल जोशी ‘फरहद’
- गिरिवर दास वैष्णव के गीत
- देखे हँव
- लड़की बन उदयन फेसबुक म करय टूरी मन ले चैट, FB म पटावय गर्लफ्रैंड
- मोबाईल हास्य कबिता
- सुरता (संस्मरण) – सिकरनिन दाई
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : मातर जागंय
- अक्षय तृतीया
- मधुमास
- सावन आगे
- चित्रगुप्त हा पेसी के पईसा खावत हे, यम के भंइसा अब ब्लाग बनावत हे.
- देख रे आंखी, सुन रे कान: भगवती लाल सेन
- बेटी ल बचाबो
- नवा बछर मोर छत्तीसगढ़ में नवा बिहनिया आही सियान मन के सीख
- बुढ़ुवा कोकड़ा