- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – आस्था, अंधविश्वास, बीमारियाँ
- सबले बड़े पीर
- राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय देहरादून म प्रवेश बर जून म होही परीक्षा
- बाबा के सात सिद्धांत अउ सतनाम मनइया
- गजानंद प्रसाद देवांगन जी के कविता
- पारंपरिक देवार-गीत
- छत्तीसगढ़ी कथा कंथली : ईर, बीर, दाउ अउ मैं
- तुम करहु जैसे जौन : प्राचीन कवि प्रहलाद दुबे
- बादर के कन्डीसन
- एक चिट्ठी गनेस भगवान के नांव
- अईसने चुनई आथे का
- लाला फूलचंद श्रीवास्तव के कौशल प्रान्त ( छत्तीसगढ़ ) के बन्दना
- 24 मई -जेठ दसमी : वीर आल्हा जयंती, आल्हा चालीसा (आल्हा छंद में)
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : मातर जागंय
- फुटहा छानी
- गम्मतिहा : मदन निषाद
- मैं गांव मं जनम धरेंव ते बात के मोला गरब हे : डॉ. रमन सिंह
- रायपुर नगर निगम के मयारू : ठाकुर प्यारे लाल
- राजिम मेला
- छंद : मदिरा सवैया
- हमर देस : जौन देस में रहिथन भैया, ये ला कहिथन भारत देस
- बरसा के बादर आ रे
- गोविन्द राव विट्ठल के छत्तीसगढ़ी नाग-लीला के अंश
- आतंकवादी खड़ुवा
- कमरछठ कहानी (2) – सातो बहिनी के दिन
- मेला मडई
- सहे नहीं मितान
- ओनहारी-सियारी
- कमरछठ कहानी – दुखिया के दुःख
- बीर नरायन बनके जी
- आजादी के दीवाना : सुभाष चंद्र बोस (23 जनवरी जयंती विशेष)
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के छठवां प्रांतीय सम्मेलन
- सुरता गजानंद परसाद देवांगन
- बड़े दाई
- सवनाही : रामेश्वर शर्मा
- छत्तीसगढ़ी लोक म हनुमान
- माटी बन्दना – बंधु राजेश्वर राव खरे
- छत्तीसगढ़ी भाषा : समस्या अउ संभावना
- कबिता : हाबे संसो मोला
- तीजा लेवाय बर आही
- मन के दीया ल बार
- चुनई के बेरा
- मोर लइका पास होगे
- गॉंव कहॉं सोरियाव हे : गॉंव रहे ले दुनिया रइही – डॉ. चितरंजन कर
- दिन आ गे धान मिसाइ के
- कहानी : फूल के जघा पउधा भेंट करव
- एक दीया अउ जलावव
- छत्तीसगढी कुण्डली (कबिता) : कोदूराम दलित
- श्रीयुत् लाला जगदलपुरी जी के छत्तीसगढ़ी गजल – मया धन
- रूख तरी आवव
- हिन्दी साहित्य के महान साहित्यकार उपन्यास सम्राट, कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद
- काँदा कस उसनात हे
- मक्खी-मच्छर मारो अभियान – कबिता
- माटी के गनेस बइठारव-पर्यावरण के मान बढ़ावव
- खुमान साव के संगीत म छत्तीसगढ़ी गीत
- मोर मयारू गणेस
- बाबू जगजीवनराम अऊ सामाजिक समरसता : 5 अप्रैल जन्म-दिवस
- बेटी के सुरता
- पतंजलि के योग दर्शन, बाल्मिकी मूल रामायण, ईशावास्योपनिषद : अनुवाद
- सरगुजिहा गीत- दिन कर फेर
- मइया पांचो रंगा
- धरनहा – पं. जगमोहन प्रसाद मिश्र के गीत
- कहिनी : फंदी बेंदरा
- भक्ति अउ सावधानी
- लइका अउ सियान खेलव कुरिया मा
- मोर भारत भूइयाँ ल परनाम
- देहे ल घलव सीखव – नीति कथा
- बरीवाला के कहिनी : बंटवारा
- मया करबे त करले अउ आन कविता : सोनु नेताम “माया”
- फिलिम बनाबो फिलीम बनाबो
- एकलव्य
- समाज म जऊन सबसे गरीब, सरकार के वो सबसे करीब : डॉ. रमन सिंह
- बात सुनव छत्तीसगढ़ के, बन औषधि के जड़ के
- हीरा गंवा गेहे बनकचरा म…
- मतलाहा पानी
- कहिनी : डोकरा डोकरी : शिवशंकर शुक्ल
- नवा बछर म करव नवा शुरुआत
- अम्मा, हम बोल रहा हूँ आपका बबुआ
- नशा मुक्ति के गीत
- गणपति विराजे
- पर्यटन गतिविधियों ल बढ़ावा देहे प्रदेश म लउहे उदीम करे जाही
- रासेश्वरी
- बेटी : रोला छन्द
- ढेला अऊ पत्ता
- छत्तीसगढ़ के जुझारू पूत अउ महतारी भाखा के मयारुक साहित्यकार पं. सुंदर लाल शर्मा
- अब्बड़ सुग्घर मोर गांव
- कविता: बराती
- कमरछठ कहानी : बेटा के वापसी
- दु आखर स्वास्थ्य के गियान
- फोकट के गियान झन दे सियान :पटवारी के गोठ-बात
- जशपुरनगर : केन्द्रीय विद्यालय जशपुर मं प्रवेश बर पंजीयन 8 फरवरी ले
- दूसरइया बिहाव
- बालदिवस : मया करइया कका नेहरु
- जयंत साहू के गोठ बात : फिल्म सिनेमा एवार्ड बोहागे धारे-धार
- धीर लगहा तैं चल रे जिनगी
- पितर पाख मा साहित्यिक पुरखा के सुरता : भगवती चरण सेन
- महेश पांडेय “मलंग” के छत्तीसगढ़ी कविता
- छत्तीसगढ़ी म छंद बरनन के पहिली किताब
- अक्ती तिहार
- नान्हे कहिनी – सवाल