बन्दना :–
सुमिरन करतहौं दुरगा तोला,
करतहौं बिनती तुन्हार ओ।
गावत हौं तोर गुन ल दाई,
हमरो सुनले गोहार ओ।।
तर्ज :–
आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ,
नौ नौ कलश सजावौ मैं ह आज ओ।
जम्मो देवता बिराजे तोर समाज ओ,
आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ।
पहली कलश माता शैल पुत्री,
दूजा कलश ब्रम्ह्चारिणी।
तिजा कलश चंद्रघंटा बिराजे,
कलश सजावौ मैं ह आज ओ।
आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ।
नौ नौ कलश सजावौ…………
चउथा कलश माता कुषमाण्डा,
पांचवा कलश स्कंधमाता।
छठा बिराजे माता कात्यानी,
कलश सजावौ मैं ह आज ओ।
आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ।
नौ नौ कलश सजावौ………..
सातवा कलश माता कालरात्रि,
महागौरी आठवा कलश म,
नवम कलशा माता सिद्धिदात्री,
कलश सजावौ मैं ह आज ओ।
आ गे नौ नौ दिन के नवरात ओ।
नौ नौ कलश सजावौ……………
बोधन राम निषाद राज
स./लोहारा ,कबीरधाम (छ.ग.)
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