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होली गीत

होगे फ़ागुन हा सर पे सवार

जोहार ले जोहार ले जोहार।

नरवा खलखल हांसत हे,

नवा नवा फ़ूटत हे धार।(जोहार ले – – –

बरदी के सुत गे गोसैया,

सन्सो में हवय खेत खार। जोहार ले – – – –

दिल ह चना के जवान हे,

अउ राहेर लगत हे कचनार। जोहार ले- – – –

धान के कोनो पुछैया नही,

अउ खड़े हे चना के खरीदार। जोहार ले – – –

अमली के साड़ी हा सरकत हे,

अउ लहकत हे आमा के डार। जोहार ले – – –

कोड़ही मन हा फ़ाग सुनावत।

गोल्लर मन फ़ांदव दीवार । जोहार ले- – –

फ़गुआ पी के सूते हे,

अउ होगे मनटोरा फ़रार। जोहार ले – – –

बिछिया नथनी करधन पहिने,

बुधियारिन घलोक हे तियार। जोहार ले – – –

पपची देहरौरी चिखा दे बहीनी,

देवारी के गुझिया ला टार। जोहार ले – – –

रंग गुलाल लगावन कइसे

अपन भाटों के मुंह ला डार। जोहार ले – – –

होली के खरही जलाये बर ,

हिरदय के लकड़ी ला बार। जोहार ले – – –

हिरदे के गांठ ला खोलव गा,

इही ये होली के सार। जोहार ले – – –



डॉ.संजय दानी
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