14 वां वार्षिक साहित्य सम्मेलन 2010

ये दिन हा कतका धन्य हे के 14 फरवरी 2010 दिन इतवार म महावर धरमसाला धमतरी के बडक़ा ठउर म छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति रायपुर (छत्तीसगढ़) के सवजन ले 14वां वार्षिक साहित्य सम्मेलन 2010 के आयोजन करे गिस। ये सम्मेलन के रद्दा सबो साहित्यकार जुन्ना अउ नवा सन देखत रहिथे। एक बछर पाछू अइसन समागम बने महत्तम के होथे। ये दिन जम्मो छतीसगढ़ी राज ले डेढ़ सौ साहित्यकार मन एक ठउर म सकला के अपन-अपन गरिमामय उपस्थिति के संग अइसे लागत राहय जइसन हमर साहित अगास म चंदैनी मन जग-जग, झग-झग करथे। गियारह बजे ले दू बजे तक जनजीवन नास्ता, सुआगत सतकार करे के बेरा रिहिस। दू बजे ले तीन बजे तक बड़ सुग्घर सुआदिस्ट भोजन दे गिस।

ठउका 3 बजे ले एक-एक दिन के सम्मेलन हा चालू होइस। एक कार्यकरम मा मुख्य अतिथि सतकवि पवन दीवान अधियक्षता हमर छत्तीसगढ़ी राज भाषा आयोग के अधियक्छ श्यामलाल चतुर्वेदी विसेस अतिथि मन मा दानेश्वर शर्मा, डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र, प्रो. त्रिभुवन पाण्डेय रिहिन। मंच में आसीन होए के पाछू उंकर गेंदा फूल के माला ले जोरदार सुआगत सत्कार करे गिस। ओकर आगू सबले पहिली सरसती महतारी के पूजा अरचना करे गिस। छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के अलग -अलग इकाई समिति के अधियक्छ मन हा हमर अतिथि मन के सुआगत करीन। सुरू के संचालन हा छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति रायपुर के प्रादेशिक अधियक्छ सुशील यदु हा करिस। ओकर पाछू आज के कार्यकरम जेकर विसय रिहिस- ‘छत्तीसगढ़ी के गद्य साहित्य विकास, समस्या अउ संभावना’ के संचालन सुखदेवराम साहू सरस जी हा करिस। सबले पहिली वक्ता के रूप म श्रीमती शकुन्तला तरार रायपुर हा अपन बिचार राखिस। ओकर पाछू आलेख पढ़ेबर आइन बिलासपुर ले आए बुधराम यादव जी। ये एक दिनी कार्यकरम हा चार भाग म बंटे रिहीस। सबले आगू आलेख पढ़े के रिहिस, दूसर राज ईश्वरी साहित्यकार सम्मान, तीसर साहित्य सम्मान अउ आखिरी म सात ठन किताब मन के विमोचन।

राज्य स्तरीय साहित्यकार सम्मान म स्व. खोमलाल बैस सम्मान, रामेश्वर वैष्णव रायपुर, स्व. महावीर अग्रवाल, सम्मान सुरजीत नवदीप धमतरी, हरि ठाकुर, साहितकार सम्मान सिरी चेतन भारती रायपुर, नगर माता बिन्नी बाई सोनकर सम्मान बुधराम यादव, बिलासपुर टिकेन्द्र टिकरिहा, साहितकार सम्मान डॉ. श्रीमती सत्यभामा आड़िल, रायपुर त्यागमूर्ति ठाकुर प्यारेलाल सिंह अलंकरण लाल रामकुमार सिंह रायपुर साहित सम्मान 2010 धमतरी के रमेश अधीर, छाती धमतरी के महेन्द्र कश्यप, सारागांव रायपुर के माताप्रसाद भट्ट दुर्ग के रघुवीर अग्रवाल पथिक अउ धमतरी के जर्नादन पाण्डेय मन ल दे गिस। चउथा निसैनी म सात ठन नवा लिखे किताब मन के मुख उघरउनी माई पहुना मन के कर कमल ले करे गिस। ये किताब मा छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन 2010 स्मारिका कान्हा कौशिक के भक्ति संगरह छत्तीसगढ़िया, डॉ. दशरथलाल निषाद के नवा किताब छत्तीसगढ़ के पुनुराम साहू राज मगरलोड के लिखे छत्तीसगढ़ी नाटक के किताब लमसेना धमतरी के जर्नादन पाण्डेय के लिखे लघु उपन्यास मोर गांव, रांवाभांठा रायपुर के प्रसिध्द कवि डॉ. सीताराम साहू के एक ठक नवा किताब कविता के संगरह खोरसी, मकसूदनराम साहू के भजन माला के सीडी केसिट ये जम्मो किताब हा पढ़इय्या अउ साहितकार के आगू आइस।

परमुख बोलइय्या मन म मडई के संपादक श्रीमती सुधा वर्मा, उर्ता-धुर्रा स्तम्भ के रामेश्वर वैष्णव कुसुमी बेरला दुर्ग ले आये डॉ. राजेन्द्र पाटकर स्नेहिल रिहिन। कार्यकरम के बीच-बीच म सुआगत सतकार के बूता हा चलत रहय।

एक कार्यकरम मा हमर छत्तीसगढ़ राज ले सुशील भोले, डॉ. संध्या रानी शुक्ला, श्रीमती गीता विश्वकर्मा अशोक सेमसन, कृष्ण कुमार भट्ट पथिक, सुरजीत नवदीप, अनिल जांगड़े गौतरिहा, डिहरूराम निर्वाण प्रतप्त, डॉ. दशरथ लाल निषाद, रघुवीर, अग्रवाल पथिक, डॉ. सीताराम साहू, कृष्णकुमार अजनबी, पुनुराम साहू राज।

पहुना मन का उद्बोधन बिचार घलो बांटिन। कार्यकरम बहुत गरिमामय रहिस हे। एखर मंच खुला रहिथे। सब मनखे ल बराबर बोले के अपन सुग्घर विचार रखे के मौका मिलथे। अइसे लगथे के कार्यकरम म वक्तामन के आलेख ल जमा करके रखना चाही। यदि वक्ता कोनो कारन से नई अइस त ओखर सुग्घर विचार सबके आगू म आ जाय।
अशोक सेमसन
आशीष नगर
रिसाली, भिलाई

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