छत्‍तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव

बासी खाना छूटगे, आदत परगे, चाय पेट भरे ना पुरखातरे, ये कईसन बकवाय ये कईसन बकवाय, सबो दुख-सुख मा लागू देंवता अतरे फूल, चाय तो पंहुचे आगू कह रंगू कविराय, सुनगा भाई घांसी सबला होना चाय, बिटामिन छोडे बासी । रंगू प्रसाद नामदेव

Read More

छत्‍तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव

बासी खाना छूटगे, आदत परगे, चाय पेट भरे ना पुरखातरे, ये कईसन बकवाय ये कईसन बकवाय, सबो दुख-सुख मा लागू देंवता अतरे फूल, चाय तो पंहुचे आगू कह रंगू कविराय, सुनगा भाई घांसी सबला होना चाय, बिटामिन छोडे बासी । रंगू प्रसाद नामदेव

Read More

जसगीत अ‍उ छ्त्तीसगढ – दीपक शर्मा

जब भादो के कचारत पानी बिदा लेथे अ‍उ कुंवार के हिरणा ला करिया देने वाला घाम मुड मा टिकोरे ले धर लेथे। धान कंसाये ला धर लेथे ,तरीया के पानी फ़रीया जथे खोर के चिखला बोहा जथे अ‍उ चारो खूंट सब छनछन ले दिखे लागथे । हरियर लहरावत फसल अउ अपन मेहनत ला सुफल होवत देख के गांव गांव म सबे मनखे सत्ती दाई के पूजा म मगन हो जथे, जुगुर-जुगुर जोत चमके लागथे, माता देवाला मा जसगीत अ‍उ मांदर के थाप झमके लागथें। मांदर के जसगीत से उही नता…

Read More

जसगीत अ‍उ छ्त्तीसगढ – दीपक शर्मा

जब भादो के कचारत पानी बिदा लेथे अ‍उ कुंवार के हिरणा ला करिया देने वाला घाम मुड मा टिकोरे ले धर लेथे। धान कंसाये ला धर लेथे ,तरीया के पानी फ़रीया जथे खोर के चिखला बोहा जथे अ‍उ चारो खूंट सब छनछन ले दिखे लागथे । हरियर लहरावत फसल अउ अपन मेहनत ला सुफल होवत देख के गांव गांव म सबे मनखे सत्ती दाई के पूजा म मगन हो जथे, जुगुर-जुगुर जोत चमके लागथे, माता देवाला मा जसगीत अ‍उ मांदर के थाप झमके लागथें। मांदर के जसगीत से उही नता…

Read More