मयारू संगी, हमर गुरतुर गोठ ह आज गांधी बबा अउ सास्त्री जी के जयंती के दिन अपन एक बरछ पूरा कर लीस. ये एक बरिस म हम अपन गुरतुर गोठ ला अपन मन म संजोये सपना असन तो पूरा नई कर पायेन. फेर संगी मन के सहजोग ले सरलग आघू बढत रहेन. आप मन हमर संग, हमर भाखा के संग इही बहाना जुडे रेहेव, हमर उत्साह ला बढावत रेहेव. येखर बर हम आप मन के हिरदे ले आभारी हांवन. हमर ये प्रयास आप सब के सहयोग ले ही सफल हो…
Read MoreYear: 2009
येदे पटवारी ला फेर मार परे हे काबर कि रावन नई जरे हे
संगी हो जोहार लेहु, हमर पटवारी भईया के गोठ ला आघू बतावत हवं, पटवारी भईया ला समाज सेवा करे के बिमारी ता हवय, कईसनो भी बुता हो ही वो हा नई करवं कहिके नई कहय, सरलग १० दिन भले लग जाये फेर बुता सामाजिक होना चाही, बिना खाए पिए लंघन भूखन रही के, करही। अभी का होईस के टूरा मन दुर्गा पक्ष में ओला देवी माई मडहाबो कहिके समिति के सियान बना दिस, काबर के चंदा मांगे मा पटवारी ला काही शरम नई लगे। चंदा मांगे बर एक से एक…
Read Moreमनखे के भाव
बड़ बिहनिया मुंदरहा ले बेर निकले के पहिली नागर ला खान मा धरे चौरसता ले आघू कोती अरहू कहिके हफरत नाहकत रेहेंव ततके मा एक ठन मोटर हा आके मोर सन हबरगे। बीच रसता मा मुहु केर्रा गिरेंव मोटर के आघू घलो पेचक गे। मोर उठते, मोटर ले एक झन उतरिस ललछरहा मेंहा देखत केहेंव कइसे तोला दिखे घलो नही का जी-अतक बड़ रसता हा। गरीब मनखे मोर बासी पेज गंवागे नागर टूटगे बने होगे परान बाचगे हात गोड़ नी टुटिस? नीहिते, नीहिते-का, का होही अंधरा उत्ती बेरा के अंजोर…
Read Moreनई उतरिस बिच्छी के झार पटवारी साहेब ला परगे मार
जोहार लओ संगी हो हमर पटवारी भईया हा नवा-नवा उदिम लगावत रहिथे,थोकिन मा फेल घलोक हो जथे,ए बेरा ओ हा सोच डारिस पराकृतिक ह बने हवय, अनप घर मा एक ठक बोरड ला बनवा के लगा दिस, पटवारी के परकिरित चिकित्सा सनसथान, इंहा बिना दवई,सूजी,गोली के फोकट मा जम्मो बीमारी के इलाज होथे, समाज सेवा बर निह्सुल्क संचालित, डॉ.पटवारी,आदेश गुरु महाराज के, अऊ पटवारी भईया के फोकट के दवा खाना चालू होगे, पहिले -पाहिल मरीज आइस हमर भकाडू बबा हा, देखिस ता डॉ.पटवारी हा खुस होगे,ये दे आज्जे दुकान ला…
Read Moreनई उतरिस बिच्छी के झार पटवारी साहेब ला परगे मार
जोहार लओ संगी हो हमर पटवारी भईया हा नवा-नवा उदिम लगावत रहिथे,थोकिन मा फेल घलोक हो जथे,ए बेरा ओ हा सोच डारिस पराकृतिक ह बने हवय, अनप घर मा एक ठक बोरड ला बनवा के लगा दिस, पटवारी के परकिरित चिकित्सा सनसथान, इंहा बिना दवई,सूजी,गोली के फोकट मा जम्मो बीमारी के इलाज होथे, समाज सेवा बर निह्सुल्क संचालित, डॉ.पटवारी,आदेश गुरु महाराज के, अऊ पटवारी भईया के फोकट के दवा खाना चालू होगे, पहिले -पाहिल मरीज आइस हमर भकाडू बबा हा, देखिस ता डॉ.पटवारी हा खुस होगे,ये दे आज्जे दुकान ला…
Read Moreअडहा बईद परान घाती : पटवारी साहेब जब डाग्डर बनिस
संगी हो जोहार लओ हमर पटवारी भईया हा जम्मो जमाना ला सुधारे के ठेका ले डारे हवय अपन परन के एकदम पक्का हवय,”परान जाये पर बचन न जाये तईसे,एही सुधारे के बुता मा कईयों बेर मार खा डारे हवे पर सुधरे नहीं,एक घांव हमर गांव मा राजीव दीक्षित आये रिहिसे,स्वदेशी आन्दोलन चलावे, तौन हा बता डारिस के बहुराष्ट्रीय कम्पनी के मॉल खरीदे मा हमर देश के कतना नुकसानी हवय,पटवारी भईया हा बने चेत लगा के सुनिस अऊ ओखर बाद एक दिन वो हा पढ़ डारिस के कोनो दवई कम्पनी हा पहिले दवई बनाथे…
Read Moreअडहा बईद परान घाती : पटवारी साहेब जब डाग्डर बनिस
संगी हो जोहार लओ हमर पटवारी भईया हा जम्मो जमाना ला सुधारे के ठेका ले डारे हवय अपन परन के एकदम पक्का हवय,”परान जाये पर बचन न जाये तईसे,एही सुधारे के बुता मा कईयों बेर मार खा डारे हवे पर सुधरे नहीं,एक घांव हमर गांव मा राजीव दीक्षित आये रिहिसे,स्वदेशी आन्दोलन चलावे, तौन हा बता डारिस के बहुराष्ट्रीय कम्पनी के मॉल खरीदे मा हमर देश के कतना नुकसानी हवय,पटवारी भईया हा बने चेत लगा के सुनिस अऊ ओखर बाद एक दिन वो हा पढ़ डारिस के कोनो दवई कम्पनी हा पहिले दवई बनाथे…
Read Moreफोकट के गियान झन दे सियान :पटवारी के गोठ-बात
संगी हो जोहर लओ काली के गोठ ला आगे बढ़ावत हौं संगी हो, हमर पटवारी भैया के किस्सा नई सिराय हवे, एखर तो एक ले एक किसा हवे, पटवारी ला पढ़े के बहुत सौउंख हवय, सबे तरह के पुस्तक ला पढ़थे, पुस्तक पढ़ना घलो एक ठक बीमारीच आये, घर ले पटवारीन हाँ बाजार भेजते साग ले बर, ता बूजा हा साग के पईसा के पुस्तक बिसा डारथे, रेलगाडी मा जाथे ता बिदाउट जाथे, साधू के बाना ला लगा के भेस बदल के चल देथे अऊ टिकिस के पईसा के पुस्तक…
Read Moreपईधे गाय कछारे जाए,पटवारी साहेब ला कोन समझाए.
संगी हो जोहार लओ देखथवं मेहा आज कल समाज सेवा बड चालू होगे हवय, जहाँ देखबे उहां समाज सेवा,ये दे समाज सेवा हा एक ठक बहुत बड़े बीमारी हवय,छुतहा रोग हे,कई झन बड सौख ले करथे कई झन अपन जी पिरान ला बचाए बर करथे,हमर एक झन मयारू मितान हवय,हमन ओला पटवारी भइया कहिके बलाथन, उहू ला समाज सेवा के बीमारी धर डारे हवय,आज कल संस्कार अऊ सेवा,लईका मन ला सुधारे के गोठ,अऊ नाना परकार के गियान फोकट में बाटंत रहिथे,जम्मो गांव भर के मनखे मन ओखर ले अब डराय…
Read Moreकिसीम किसीम के साहित सेवा अउ भोभला बर चना चबेना
संगी हो जय जोहार, में हाँ दू चार दिन पहिले ये बुलाग के सेवा ले हवं. एखर ले पहिले में हाँ नई जानत रहेवं काला बलाग कथे, जानेवं ता महूँ हाँ अपन गोठियाये के खजरी ला मेटाए बर ये दे बूता ला कर डारेवं, मोर डिमाग ले बुलाग के बूता हाँ बुलाग कम, बुलक दे जियादा हवये, हमन हांना कथन ना “मार के टरक दे अऊ खाके सूत जा” तईसने बूता बुलाग के हवे. अपन गोठ ला गोठिया ले तहां काखरो झन सुन. ओ कोती मूड ला पटकन दे. अऊ…
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