किरन – किरन के चरन पखारन आरती उतारन, रे मोर सोनहा बिहान, बगराये अँजोर, छत्तीसगढ़ मां । मोर बिहनिया तोला अगोरत, सइघो रात पहागे छाती पोंठ करेन हम्मन ते, ठंड़का तैं अगुवागे तोला परघाये बर आइन, जुरमिल सबो मितान रे मोर सोनहा बिहान, बगराये अँजोर, छत्तीसगढ़ मां । दाई – ददा लइका–सियान सब, तोरेच गुन ला गाहीं ललहूँ – पिंउरा मिंझरा सूरूज, कोन तोला टोनहाही निकरे हस तैं कान मां खोंचे, हरियर दौना पान रे मोर सोनहा बिहान, बगराये अँजोर, छत्तीसगढ़ मां । तोर आए ले आज सिरागे, जिनगी के…
Read MoreYear: 2009
भारत के बाग
महर–महर महकत हे, भारत के बाग । भुँइया महतारी के अमर हे सुहाग ।। ममहाती पुरवहिया, झूमय लहरावय डारा–डारा, पाना–पाना, मगन सरसरावय पंड़की–परेवना मन, मन ला लुभावय कोइली हर कुहकै नंदिया गाना गावय मिट्ठु हर तपत कुरू बोलै अमरइया में – कोकड़ा–मेचका जुरमिल गावत हें फाग । उठौ उठौ जँहुरिया अब रात ह पहागै । पंग पंग ले फेर नंवा बिहान असन लागै जागे के दिन आगे रतिहा हर बीतिस हारगे बिगारी अऊ बनिहारी जीतिस धरती के बेटा मन जागिन हे भइया हो – चमकिस अब भुँइया महतारी के भाग…
Read Moreजिनगी के रद्दा
जिनगी के रद्दा अड़बड़ लम्भा दू ठिन हमरे चरन गोड़ ला कहाँ–कहाँ हमन धरन चले पुरवहिया सनन सनन् । बिजहा रे डारेन नाँगर चलाएन धाने के नेवता माँ बादर ला बलाएन किंजर–किंजर के बरसौ रे बादर, तुंहरे पंइया परन सावन भादों मां ठंऊका रे बरसिस पानी झनन झनन चले पुरवहिया सनन सनन् । अगहन मां बड़े रे बिहनिया नहाएन धाने लूएन करपा ला बाँधि के ले आएन मन हर चिरई असन फुदकै अऊ नाचै भुँइया गगन ब्यारा मां बइला मन दंऊरी फँदाए दंऊड़ै घनन घनन चले पुरवहिया सनन सनन् ।…
Read Moreकइसे बचाबो परान
ठगुवा कस पानी ह ठगत हे, मूड़ धरे बइठे किसान ये बिधाता गा मोर कइसे ब चाबो परान । एक बछर नाँगर अऊ बइला ला बोर बोर, ओरिया अऊ छान्ही ले, पानी ह गली खोर, खपरा बीच बोहावै, ना ये भाई, खपरा बीच बोहावय । रद रद, रद रद रोंठ–रोंठ रेला मन, बारी के सेमी बरबटटी करेला मन लहुरटुहुर धाँयधुपुन जावय ना ये भाई लुहुरटुहुर धांयधुपुन जावय । ये हो भइया गा मोर, पूरा के बड़ नुकसान ।। ये बिधाता गा मोर कइसे बचाबो परान ।। लागे नौटप्पा कस, एसो…
Read Moreमोर महतारी (मेरी माँ)
मोला दसना म सुता केखोर्रा खटिया म सुतइया मोर महतारीआज तैं हलकड़ी छेना के दसना म सुते हसअपन दूनो आंखी ल मुंदे हसजमो मया मोह ले तैं छोड़ देहेहमन ले तैं मुंह ल मोड़ लेहेए मोर महतारीकइसे भुलाहूँ…नौ महीना कोंख म मोला तैं राखेहमन करा सुख दुख ल तैं भाखे जब आंखी ह खुलीस त तोर कोरा म सुख ल पाएनअंगना म बइठ के आनी बानी के गोठ ल गोठियाएनआज ले सुरता हे…. गोरसी म सेंकनाअंगठी ल धर के रेंगनातेल फुल के लगानाओनहा ल पहिरानाजाड़ के दिन म अपन ह…
Read Moreमोर भाखा
मोर भाखा सँग दया मया के सुग्घर हवै मिलाप रे । अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।। येमा छइहाँ बम्हलई देबी, बानबरद गोर्रइयाँ के देंवता धामी राजिउलोचन सोमनाथ जस भुँइया के ये मां हावे भोरमदेव जस, तीरथ के परताप रे । अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।। दमऊ खँजेरी तबला ढोलक नंगाड़ा दमकै येमां हरमुनिया करतार तमूरा मंजीरा छमकै येमां मोहरी के सुंदर अलाप येमां दफड़ा के थाप रे । अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।। करम–धरम के राग–पाग मां फींजे…
Read Moreचित्रगुप्त के इस्तीफा
यमराज – मिरतू के देवता चित्रगुप्त – यमराज के मुकरदम, जीव मन के पाप-पुण्य के हिसाब रखईया यमदूत – यमराज के दूत एक आत्मा – टेस्ट-ट्यूब बेबी के आत्मा दूसरा आत्मा – कोख किराया लेके पैदा होये मनखे के आत्मा तीसर आत्मा – क्लोन के आत्मा ब्रम्हा, विष्नु, महेष – त्रिदेव ( यमलोक म यमराज के राज-दरबार म यमराज अउ चित्रगुप्त गोठियात हें ) यमराज – इस्तीफा ? चित्रगुप्त – हाँ महराज मोर इस्तीफा। यमराज – इस्तीफा ! ये इस्तीफा काये चित्रगुप्त ? चित्रगुप्त – इस्तीफा, इस्तीफा होथे महराज। यमराज…
Read Moreमनकुरिया
मनकुरिया म काय नींगे हे रेकाय नींगे हावे मन कुरिया मं जेखर मूहू लाल लाल, जेखर गाल हे पताल जेखर नीयत हे चण्डाल, कईसे करत हें कमाल …. झांकथावे काय ओदे धुरिया ले, ये काय नींगे हावय मोर चोला बढ भोला, काबर लूटत हावो मोला मैं राना प्रताप के बाना आंव मोर चिरहा हे झोला जेला जाने पारा टोला सीलंव कथरी परोसी के देवाना आंव का काहंव ये हाल, जमा बिगडे हे चाल बुढावै आल पाल, देख आंखी ला सम्हाल जमा मोहनी भरे हे, लुरलुरिया मा, ये काय नींगे हावय महानदिया…
Read Moreतैं ह आ जाबे मैना
तैं ह आ जाबे मैना उड़त उड़त तैंह आ जाबे । मैंह कइसे आवौं ना, मैंह कइसे आवौना, बिन पाँरवी मोर सुवना कइसे आवौं ना मन के मया संगी तोला का बताववं ना तैंह आ जाबे मैना, उड़त उड़त तैह आ जाबे …. पुन्नी के रात मैना चंदा के अँजोर जुगुर–जागर चमकत हे गाँव के गली खोर सुरता आवत हे तोर अँचरा के छोर तैंह आ जाबे मैना, उड़त उड़त तैह आ जाबे …. पुन्नी के अँजोर सुवा बैरी होगे ना दूसर बैरी मोर पाँव के पैरी होगे ना छन्नर–छन्नर…
Read Moreमेला मडई
हाट बजार अउ मेला मडई मा, नोनी थोरको नइ पदोय खई-खजानी अउ फुग्गा ले बर, फकत कहिथय ददा गा नानूक ठेकली लेबो पइसा सकेले बर ! !! !!! राजा राम रसिक रसिक वाटिका, फेस 3, वी.आई.पी.नगर, रिसाली, भिलाई. मो. 09329364014
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