गॉंव कहॉं सोरियाव हे : गॉंव रहे ले दुनिया रइही – डॉ. चितरंजन कर

पहली संस्करन : 2010 मूल्य : एक सौ रुपए कृति स्वामी : बुधराम यादव प्रकाशक : छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति, जिला शाखा, बिलासपुर (छ.ग.) आखर संयोजन : योगेन्द्र कुमार यादव छापाखाना : योगी प्रिन्टर्स, डी-1, सुपरमार्केट, अग्रसेन चौक, बिलासपुर (छ.ग.) मोबाइल : 094252 22806 सम्पर्क : बुधराम यादव `मनोरथ’, एमआईजी-ए/8, चंदेला नगर रिंग रोड नं.2, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) मोबाइल : 097551 41676 गॉंव रहे ले दुनिया रइही   माँ अउ मातृभूमि ल सरग ले घलव महान कहे गये हे । मैं ह एम मातृभाषा ल घलव जोड़िहौं, काबर के हमन जइसन अउ…

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ढ़पोरशंख के किस्‍सा : भावना श्रीवास, तखतपुर

एक झन बावहन अऊ बम्हनीन रहिस उमन अड़बड़ गरीब रहीन। एक दिन बम्हनीन ह बावहन ल कहिथे कि तुमन कुछु अइसे उपाय करा जेखर ले हमर गरीबी ह दूर हो जाय। दूसर दिन बावहन हर जंगल म तपस्या करे बर चल दिस। ओकर तपस्या ले प्रसन्न हो के भगवान विस्नु ह दरसन दिहिस अऊ वरदान मांगे बर कहिथे त बावहन हर कथे महराज मै बड़ गरीब हव, मोर गरीबी ल दूर कर देवा। भगवान ओला एक ठन सिद्ध संख दिहिस अऊ कहिस ए संख लंग तंय जेन मांगबे- तऊन तोला…

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आह! घनचकरूं वाह!!

आह! घनचकरूं वाह!! रामकुमार धीवर, सीपत नेता नाव दलबदलू, खुरसी लोभी आप। कभू पंजा, कभू कमल, कभू कटोरा छाप।। कभू कटोरा-छाप, चुनाव बर भीखमंगा। पल-पल धोखा करय, जनता के बनाय नंगा।। आह! घनचकरुं वाह!! सुवारथी देसमेढ़ा। सरम-धरम खूंटी म, ओही ह असली नेता।। पूज ले अपन डउकी क, फूल नरियर चढ़ाव। मेड़वा डउका बनके, तरइ तोड़ लाव।। तरइ तोड़ लाव, पाबे चंदरमा दरसन। करबा- चउथ व्रत रख, डउकी ह होही परसन। आह! घनचकऊं, वाह!! मुड़वा ठकुराइ मूंछा। कलजुगी जमाना म, कर चार डउकी पूजा।। टोपी पहिर खादी के, नेता रूप…

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इस अंक में खने ला न कोड़े ला, धरे ल खबोसा मंगल कामना के दिन आय अक्ती काहनी : फंदी बेंदरा मानवता के पुजारी सत्य साईं बाबा हमर छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी राजभासा कामकाज के भासा कब बनही जरूरत हावय रामराज के किरकेट के महाकुंभ मइया पांचो रंगा सुधा वर्मा

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