माटी पुत्र या माटी के पुतला?

हमर इहां कोनो भी मनखे ल मूल निवासी के रूप म चिन्हारी कराए खातिर एक सहज शब्द के उपयोग करे जाथे- ‘माटी पुत्र” खास कर के राजनीति म। चाहे कोनो पार्टी के मनखे होय, कोनो पद म बइठे नेता होय सबके एके चिन्हारी- ‘माटी पुत्र”। फेर मोला लगथे के ‘माटी पुत्र” कहाए के अधिकार हर कोई ल नइ मिलना चाही, भलुक वोकर ‘माटी” खातिर ‘मया” अउ वोकरो ले बढ़ के माटी के पहचान जेला हमन भाखा, संस्कृति या अस्मिता के रूप म चिन्हारी करथन, एमा वोकर कतका अकन योगदान हे,…

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घुरवा के दिन घलो बहुरथे‬

दू तीन दिन होगे बहिनी ,बहिरी वाली ह नई आवत हे का ?बहिरी ह खियागे हे ,नवा बहिरी लेतेव।,तीहार ह घलो नजदीक हे। वा ! कहाँ ले बहिरी वाली आही। नई जानस का परंदिन बजार में अड़बड़ ,बहिरी बेचाइस,बहिरी के शार्टेज होगे रहीस ,ओखर डिमांड भारी बाड़गे रहीस। ब्लेक में घलो खोजे नई मिलत रहिस हे। हमर प्रधानमंत्री के प्रताप ले बहरी के भाग जाग गे हे।ओखर पांखी आगे हे। घर के कोनो कोंटा में लुकाय कलेचुप रहय ,तेन बहरी संग फोटू खिचीय बर होड़ मचे हे ,का मंत्री, विधायक,…

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श्रीशमि गणेश मंदिर नवागढ

बेमेतरा जिला के नगर नवागढ के हिरदय स्थल मा भगवान गणेश के एक ठन अब्बड़ जून्ना मंदिर हे एइसे माने जाथे के ये मंदिर के निर्माण इहां के राजा रहिस श्री नरवर शाह खुसरो हा संवत 646 मा तांत्रिक तरीका ले करईस । 6 फूट के एके ठन पथरा मा भगवान गणेश के पदमासन मुद्रा उकेरे गे हे । मंदिर के तीरे मा तब ले अब तक एक ठन शमी के पेड़ हवय, जेखर सेती ऐला ‘श्री शमी गणेश‘ के नाम ले जाने जाथे । गणेश के मंदिर अऊ ओखर…

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राहट, दउंरी ‘दउंरहा’ अऊ चरका

आवा राहर के विषय म जानब कि ‘राहर’ का होथे- आघू जमाना में पानी पलोय के उपाय नई रहत रहीस हे क बखत नानपन म मेंहा मोर काकी के मइके कुथरौद गये रहेंव। उहां हाट घुमत-घुमत देखेंव कि दु ठन बइला ल लम्हा डोरी म फांद के किसनहा ह आघू रेंगाय अऊ पाछू रेंगाय। नानपन के जिग्यासा ह अड़बड़ रहिथे, मोरो जिग्यासा रहय नइ गिस अऊ येहा मोर ददा ल पुछ पारेंव ये काये गा। हमन बइल गाड़ा-बघ्घर म फआंद के आघु कोती रइगस देखे रहेव, फेर ये कइसे अलकरहा…

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छत्तीसगढ़ी कहानी : मन के सुख

भोला… ए…भोला.. लेना अउ बताना अंजलि के कहिनी ल-जया फेर लुढ़ारत बानी के पूछिस। भोला कहिस- अंजलि जतका बाहिर म दिखथे न, वोतके भीतरी म घलोक गड़े हावय। एकरे सेती एला नानुक रेटही बरोबर झन समझबे। एकर वीरता, साहस, धैर्य, अउ संघर्ष ह माथ नवाए के लाइक हे, तभे तो सरकार ह नारी शक्ति के पुरस्कार दे खातिर एकर नांव के चिन्हारी करे हे। -हहो जान डरेंव भोला, फेर सरकार के बुता म तोरो योगदान कमती नइए। आज अंजलि ल जेन सब जानीन-गुनीन, सरकार जगा सम्मान खातिर वोकर नांव पठोइन,…

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