रायपुर 25 दिसंबर 2016। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ह आज रईपुर के टाउन हाल म देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जनम दिन म आयोजित ‘सुशासन दिवस’ के कार्यक्रम म शासकीय योजना मन उपर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति मन ल देखिन। ये अवसर म विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर साहू, प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार, जनसम्पर्क विभाग…
Read MoreDay: December 25, 2016
राज्य कर्मचारी मन ल लउहे मिलही सातवां वेतनमान
रायपुर 25 दिसंबर 2016। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ह राज्य सरकार के कर्मचारी मन ल सातवां वेतनमान देहे के घोषणा करे हें। उमन कहिन के राज्य शासन के स्तर म येकर खातिर उदीम करे जात हे। जमो जरूरी औपचारिकता मन ल लउहे करके सातवां वेतनमान देहे जाही। मुख्यमंत्री ह कहिस के राज्य सरकार अपन कर्मचारी मन ल केन्द्र के अनुरूप सातवां वेतनमान देहे बर सहमत हे। डॉ. सिंह आज मझनिया अपन घर के कार्यालय म छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ले गोठ बात करिन। ये अवसर म…
Read Moreजनकृति अंतरराष्ट्रीय पत्रिका लोकभाषा विशेषांक : छत्तीसगढ़ी
जनकृति अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के लोकभाषा विशेषांक, भाग-1 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ी प्रभाग प्रकाशित. यह अंक आप पत्रिका की वेबसाईट www.jankritipatrika.com पर भी पढ़ सकते हैं. इस अंक में अभी छत्तीसगढ़ी में रचित रचनाओं, लेख, साक्षात्कार, उपन्यास अंक प्रकाशित किया गया है. इसके अतिथि संपादक संजीव तिवारी हैं. लोकभाषा विशेषांक के प्रथम भाग में भोजपुरी, मालावी, निमाड़ी, भीली, भिलाली, बारेली भी शामिल है, जिसका प्रकाशन भी इसी माह वर्तमान अंक में सम्मिलित किया जाएगा. इस अंक की विषय सूची – संपादकीय: संजीव तिवारी, आलेख छत्तीसगढ़ी साहित्य में काव्य शिल्प-छंद: रमेश कुमार सिंह…
Read Moreछत्तीसगढ़ी के मानकीकरण बर
भाषा ह नाना प्रकार के व्यवहार बोल-चाल, पढ़ई-लिखई, बाजार, मनोरंजन आदि म मन के बात, संवेदना व्यक्त करे के माध्यम होथे। शासन अउ व्यक्तिगत चिठ्ठी-पतरी के माध्यम होथे। कोनो भाषा तभे पोठ होथे जब ओ भाषा हा, ओ भाषा के बोलईया मन के संगे-संग दूसर भाषा के बोलईया मन बर घला आदर्श होवय। कोनो भी बोली पहिली भाषा बनथे फेर एक मानक भाषा के रूप लेके व्यापक रूप मा प्रचारित हो जथे। हमर छत्तीसगढ़ी बोली हा भाषा के रूप ला पागे हे अब येखर मानक भाषा बने के यात्रा शुरू…
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