115 करोड़ के 155 काम मन के शिलान्यास अउ लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ह आज दुर्ग जिलाा के नगर पालिक निगम भिलाई-3, चरौदा के मंगल भवन परिसर म आयोजित एक कार्यक्रम म 1 अरब 15 करोड़ 55 लाख रूपए के 155 काम मन के शिलान्यास अउ लोकार्पण करिन। एखर अंतर्गत चरौदा म 49 करोड़ 56 लाख रूपए के लागत ले दो चरण म ट्रांसपोर्ट नगर बनाये जाही। 30.60 हेक्टेयर म बनइया ये ट्रांसपोर्ट नगर म कुल 773 प्लाट बनाए जाही। इही तरा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ’सबके लिए…
Read MoreYear: 2016
नंदाजाही का रे कमरा अउ खुमरी
मीर अली मीर जी छग के लोकप्रिय गीतकार आय। उंकर गीत संघरा नंदा जाही का? कमरा अउ खुमरी…। मिलिस। नंदा जाही का… उंकर प्रतिनिधि अउ कालजयी रचना आय। इही गीत ह उंकर संघरा के शीर्षक आय जउन फिट बईठथे। कुल 58 गीत ए संघरा म संग्रहित हवय। जमो गीत ह अपन अलग-अलग रंग म रंग हवय। मीर जी अपने गीत के माध्यम से एक डहर जिहां सामाजिक अव्यवस्था ऊपर बियंग करथे उंहे दूसर डहर अलख जगाय के काम घलो करथे। विगत 10-12 बछर ले गांव-गांव में जाके अपन कर्णप्रिय…
Read Moreछन्द के छ : छप्पय छन्द
बिदेसी बाबू बिसराये ब्यौहार , पहिर अँगरेजी चोला महतारी अउ बाप , नजर नइ आवै तोला जाये बर परदेस , तियागे कुटुम – कबीला बन सुविधा के दास , करे बिरथा जिनगी ला का पाबे परदेस ले , नाता – रिस्ता जोड़ के असली सुख इहिंचे मिलै , झन जा घर ला छोड़ के छप्पय छन्द डाँड़ (पद) – ६, ,चरन – १२, पहिली ४ डाँड़ रोला अउ बाद के २ डाँड़ उल्लाला होथे. माने छप्पय छन्द हर १ रोला अउ १ उल्लाला ला मिला के बनाये जाथे. तुकांत के…
Read Moreछन्द के छ : उल्लाला
जिनगी (उल्लाला – १३,१३ मा यति ,बिसम-सम तुकांत) जिनगी के दिन चार जी, हँस के बने गुजार जी दुख के हे अँधियार जी, सुख के दियना बार जी नइ हे खेवन-हार जी , धर मन के पतवार जी तेज नदी के धार जी, झन हिम्मत तयँ हार जी गुरू – १ (उल्लाला – १३,१३मा यति, सम-सम तुकांत) दुख के पाछू सुख हवे, गोठ सियानी मान ले बिरथा नइ जाये कभू , संत गुरु के ग्यान ले गुरू बड़े भगवान ले , हरि दरसन करवाय जी गुरू साधना मा जरै ,…
Read Moreछन्द के छ : अमृत ध्वनि छन्द
जब तँय जाबे जाबे जब तँय जगत ले , का ले जाबे साथ संगी अइसन करम कर, जस होवै सर-माथ जस होवै सर – माथ नवाबे, नाम कमाबे जेती जाबे , रस बरसाबे , फूल उगाबे झन सुस्ताबे , अलख जगाबे , मया लुटाबे रंग जमाबे , सरग ल पाबे, जब तयँ जाबे अमृत ध्वनि छन्द डाँड़ (पद) – ६, ,चरन- १६ , पहिली २ डाँड़ दोहा अउ बाद के ४ डाँड़ ८-८ के मातरा मा यति वाले ३-३ चरन माने कुल २४-२४ मातरा के रहिथे फेर रोला नइ रहाय.…
Read Moreछत्तीसगढ़ी कवित्त म मुनि पतंजलि के योग दर्शन औ समझाईस : डॉ.हर्षवर्धन तिवारी
डॉ.हर्षवर्धन तिवारी के अनुवाद करे छत्तीसगढ़ी कवित्त म मुनि पतंजलि के योग दर्शन औ समझाईस सेव करें और आफलाईन पढ़ें
Read Moreछन्द के छ : कुण्डलिया छन्द
चेत हरियर रुखराई कटिस, सहर लील गिन खेत देखत हवैं बिनास सब, कब आही जी चेत कब आही जी चेत , हवा-पानी बिखहर हे खातू के भरमार , खेत होवत बंजर हे रखौ हवा-ला सुद्ध , अऊ पानी-ला फरियर डारौ गोबर-खाद , रखौ धरती ला हरियर कवि के काम कविता गढ़ना काम हे, कवि के अतकी जान जुग परिबर्तन करिस ये, बोलिन सबो सियान बोलिन सबो सियान , इही दिखलावे दरपन सुग्घर सुगढ़ बिचार, जगत बर कर दे अरपन कबिता – मा भर जान, सदा हे आगू बढ़ना गोठ अरुन…
Read Moreछन्द के छ : रोला छन्द
मतवार पछतावै मतवार , पुनस्तर होवै ढिल्ला भुगतै घर परिवार , सँगेसँग माई-पिल्ला पइसा खइता होय, मिलै दुख झउहा-झउहाँ किरिया खा के आज , छोड़ दे दारू-मउहाँ रोला छन्द डाँड़ (पद) – ४, ,चरन – ८ तुकांत के नियम – दू-दू डाँड़ के आखिर मा माने सम-सम चरन मा, १ बड़कू या २ नान्हें आवै. हर डाँड़ मा कुल मातरा – २४ , यति / बाधा – बिसम चरन मा ११ मातरा के बाद अउ सम चरन मा १३ मातरा के बाद यति सबले बढ़िया माने जाथे, रोला के डाँड़…
Read Moreछन्द के छ : सोरठा छन्द
देवारी राज करय उजियार, अँधियारी हारय सदा मया-पिरित के बार, देवारी मा तँय दिया, || तरि नरि नाना गाँय , नान नान नोनी मनन, सबके मन हरसाँय , सुआ-गीत मा नाच के || . सुटुर-सुटुर दिन रेंग, जुगुर-बुगुर दियना जरिस, आज जुआ के नेंग , जग्गू घर-मा फड़ जमिस || सोरठा छन्द डाँड़ (पद) – २, ,चरन – ४ तुकांत के नियम – बिसम-बिसम चरन मा, बड़कू,नान्हें (२,१) हर डाँड़ मा कुल मातरा – २४ , बिसम चरन मा मातरा – ११, सम चरन मा मातरा- १३ यति / बाधा…
Read Moreछन्द के छ : दोहा छन्द
बिनती बन्दौं गनपति सरसती, माँगौं किरपा छाँव ग्यान अकल बुध दान दौ, मँय अड़हा कवि आँव | जुगत करौ अइसन कुछू, हे गनपति गनराज सत् सहित मा बूड़ के , सज्जन बने समाज रुनझुन बीना हाथ मा, बाहन हवे मँजूर जे सुमिरै माँ सारदा, ग्यान मिलै भरपूर लाडू मोतीचूर के , खावौ हे गनराज सबद भाव वरदान मा, हमला देवौ आज हे सारद हे सरसती , माँगत हौं वरदान सबल होय छत्तीसगढ़ , भाखा पावै मान स्वच्छ भारत अभियान सहर गाँव मैदान – ला, चमचम ले चमकाव गाँधी जी के…
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