दूसरइया बिहाव

जब मेहा अपन चार बछर के बेटा रामसरूप ला बने तउल के देखथंव, त जान परथे के वोमे भोलापन अउ सुनदरई नई रहि गे, जउन दू बछर पहिली रिहिस हे। वो अइसे लागथे जाना-माना अपने गुस्सेलहा बानी म लाल आंखी मोला देखावत हे। वोकर ये हालत ला देख के मोर करेजा कांप जथे अउ मोला अपन वो बचन के सुरता आ जथे जउन दू बछर पहिली मरन सैय्या म परे वोकर महतारी ल दे रेहेंव। मनखे अतेक सुवारथी अउ अपन इंद्री के गुलाम हे के अपन फरज ला कोनो बखत बेरा म…

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पर्यटन : माण्डूक्य ऋषि के तपोभूमि ‘मदकू द्वीप’

शिवनाथ नदी के सुघ्‍घर धार ले घेराय बीचो-बीच लगभग आधा कि.मी. के दायरा म फइले मदकू द्वीप “श्री हरिहर क्षेत्र केदार मदकू द्वीप” के नाम से प्रसिद्ध हवय। पुरातात्वीय अवशेष अउ रमणीक पर्यटल स्थल ‘मदकू द्वीप’ के स्तर जमाव ले प्रागैतिहासिक कालीन विविध पाषाण उपकरण के श्रृंखला मिलथे। इंहाँ 11 वीं सदी के स्थापत्य कला के अवशेष अउ प्रतिमा मन विद्यमान हवय। पारिस्थितिकी जैव विविधता पुरातात्वीय अवशेष अउ पर्यटन के संभावना ले भरपूर मदकू द्वीप ह जल दुर्ग सरीक आभासित होथे। अपन प्राकृतिक सौंदर्य अउ धार्मिक मान्यता के कारण ‘मदकू…

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