कलजुगी नारद

जुन्ना समे म काकरो बनत काम ल बिगाडे बर, ककरो बिगडे रद्दा ल बनाय बर, एक-दूसर ल झगरा-लडुई कराय बर नारद मुनि के परमुख बुता राहय। सतजुग, त्रेता, दुवापर जम्मो जुग म वोहा कोनो न कोनो जघा, बेरा-बखत म खचित उहां पहुंच जाय। अपन बुता ल नेते तभेच दूसर काम म मन लगाय। नारद मुनि ह न ककरो ले इरसा रखाय न कोकरो बिगाड करे के सोचय। वोहा जब देखय के ककरो उप्पर अलकर समे हे वो बात ह बता देवय अउ समसिया ल सुलझाय पर अचूक उदिम घलो समझा देवय। भले वोला जम्मोझन चुगलहा के नांव ले जानय, फेर वोहा घेरी-बेरी…

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गरब मांगें ले मिट जाथे चलो मांगें बर संगी हो… छेरछेरा के बहुत बढि़या कविता.

बहुत सुग्घर तरीका ले गहिर गोठ वाले कवित्त गाये हे मयंक वर्मा ह। दान के दर्शन कुछ लाइन म अपन पूरा विस्तार के संग आये हे। मथुरा प्रसाद वर्मा भाई तोर लेखनी ल सलाम। गरब मांगें ले मिट जाथे चलो मांगें बर संगी हो… छेरछेरा के बहुत बढि़या कविता.

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गुनान गोठ : पाठक बन के जिए म मजा हे

एक जमाना रहिस जब मैं छत्तीसगढ़ी के साहित्यकार मन ल ऊंखर रचना ले जानव। फेर धीरे-धीरे साहित्यकार मन से व्यक्तिगत परिचय होत गीस। महूँ कचरा-घुरुवा लिख के ऊंखर तीर बइठे बर बीपीएल कारड बनवा लेंव। समाज म अलग दिखे के सउंख एक नसा आय, लेखन एकर बर सहज-सरल जुगाड़ आय। घर के मुहाटी भिथिया म दू रूपया चाउंर वाला नाम लिखाये के का रौब-दाब होथे, एला झुग्गी-झोपडी मुहल्ला म रहे ले महसूसे जा सकत हे। जइसन समाज तइसन उहाँ के अलग मनखे, मने विशिष्ठ व्यक्ति। खैर, अलग दिखे बर, बन…

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प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ह करिस रमन ऐप के लोकार्पण

रायपुर, 12 जनवरी 2017। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के माई पहुनई म आज इहां बूढ़ातालाब (विवेकानंद सरोवर) के आघू इंडोर स्टेडियम म स्वामी विवेकानंद के जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) समारोह म प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता श्री अनुपम खेर ह रमन ऐप के लोकार्पण करिस। ये ऐप के माध्यम ले मनखे सीधा अपन प्रदेश के मुख्यमंत्री ले जुड़ सकत हें। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के ये ऐप म जमो नवां जानकारी अउ सूचना हवय। रमन ऐप म मुख्यमंत्री के रेडियो वार्ता रमन के गोठ के जम्‍मो कड़ी ल सुने जा सकत हे।…

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छत्तीसगढ़ी परिम्परिक लोक धुन छेरछेरा पुुन्‍नी के गीत

छै सग्‍गे बहिनी मन के गाए छत्तीसगढ़ी परिम्परिक लोक धुन छेरछेरा पुुन्‍नी के गीत. मार्गदर्शक -गोविन्द साव 9981098720 संचालक -भगवत सिन्हा (पिता जी ),9575321606 मूल प्रस्‍तुति सीजी धुन छेरछेरा म डंडा नाच के वीडियो – 1. डंडा नाच मूल प्रस्‍तुति अपना सोंठी 2. डंडा नाच मूल प्रस्‍तुति विजय शर्मा, अधिवक्‍ता

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छेरछेरा : समाजिक समरसता के तिहार

जिनगी मा दान दक्छिना के घातेच महत्तम हावय, असल सुख-सान्ती दान पुन मा समाय हावय। हमर देश अउ धरम मा दान अउ तियाग के सुग्घर परमपरा चले आवत हे, भले वो परमपरा मन के नाँव अलग-अलग रहय फेर असल भाव एकेच होथे- दान अउ पुन। अइसने एकठन दान पुन करे के सबले बङ़े लोक परब के नाँव हे छेरछेरा परब। लोक परब एकर सेती कहे जाथे के एहा जन-जन के जिनगी मा रचे बसे हे, समाय हे। हमर छत्तीसगढ के जीवन सइली मा तो छेरछेरा हा नस मा लहू रकत…

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छत्तीसगढ़ के दू साहसी लईका मन के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार खातिर चयन

प्रधानमंत्री श्री मोदी गणतंत्र दिवस समारोह म करहीं सम्मानित रायपुर, 09 जनवरी 2017! प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आगामी 26 जनवरी को नई दिल्ली म आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह म छत्तीसगढ़ के दू बहादुर लईका मन ल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2016 ले सम्मानित करहीं। जेमा बेमेतरा जिला के ग्राम हरदी के श्री तुषार वर्मा अउ ग्राम मुजगहन, पोस्ट लोहरसी के कुमारी नीलम ध्रुव शामिल हें। ये लइका मन ल उंखर हिम्‍मती काम खातिर सम्मानित करे जाही। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद कोति ले छत्तीसगढ़ के पांच लईका मन के प्रस्ताव राष्ट्रीय…

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लोककथा : कउंवा करिया काबर होईस

एक बखत के बात आय। एक झन मुनि के कुटिया म एकठन कौआ हे तऊन सुग्घर मुनि के तीर म रहिके जूठा-काठा खावत अपन जिनगी ल पहावत रहय। कहे जाथे कि ओ बेरा म कौआ के तन हा सादा रिहिस हे। एक दिन मुनि हा कौआ ल कहिथे, ‘हे कौआ मय तोर बर एक ठन बुता जोंगे हंव करबे का?’ कौआ कहिथे, ‘का बुता आय मुनिजी।’ मुनि कथे, ‘ये एक अइसे बुता आय जेमा पूरा संसार के हित होही।’ संसार के हित ल सुनिस त कौआ खुशी के मारे गदगद…

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छत्तीसगढ़ी भासा

छत्तीसगढ़ी भासा ल पढबो अऊ पढाबोन हमर राज ल जुर मिलके, सबझन आघू बढाबोन । नोनी पढही बाबू पढही, पढही लइका के दाई । डोकरा पढही डोकरी पढही, पढही ममा दाई । इसकूल आफिस सबो जगा,छत्तीसगढ़ी में गोठियाबोन। अपन भासा बोली ल, बोले बर कार लजाबोन । कतको देश विदेश में पढले, फेर छत्तीसगढ़ी ल नइ भुलावन । अपन रिती रिवाज ल संगी , कभू नइ गंवावन । काम काज के भासा घलो, छत्तीसगढ़ी ल बनाबोन । देश विदेश सबो जगा, एकर मान बढाबोन । रचना महेन्द्र देवांगन “माटी” गोपीबंद…

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जनउला (प्रहेलिकायें)

1) बीच तरिया में टेड़गी रूख। 2) फाँदे के बेर एक ठन, ढीले के बेर दू ठन। 3) एक महल के दू दरवाजा, वहाँ से निकले संभू राजा। 4) ठुड़गा रूख म बुड़गा नाचे। 5) कारी गाय कलिन्दर खाय, दुहते जाय पनहाते जाय। 6) कोठा में अब्बड़ अकन छेरी, फेर हागे त लेड़ी नहीं। 7) अँउर न मँउर, बिन फोकला के चउँर। 8) नानचून टूरा, कूद-कूद के पार बाँधे। 9) नानूक टूरा, राजा संग खाय ल बैइठे। 10) नानचून बियारा में, खीरा बीजा। 11) तरिया पार में फट-फीट, तेकर गुदा बड़ मिठ। 12) तरी बटलोही उपर डंडा, नइ जानही तेला…

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