छत्तीसगढ़ी हाना

छत्तीसगढ़ी कहावतें (हाना / लोकोक्तियाँ) अँधरा पादै भैरा जोहारै (अंधा पादे, बहरा जुहार करे) अँधरा खोजै दू आँखी (अंधा खोजे दो आँख) अँधवा म कनवा राजा (अँधों में काना राजा) अक्कल बडे के भैंस (अक्ल बडी की भैंस) अड्हा बइद प्रान घात (अनाडी वैद्य प्राण घातक होता है) अपन आँखी म नींद आथै (अपनी आँखों में नींद आती है) अपन कुरिया घी के पुडिया (अपना घर स्वर्ग समान) अपन मराए काला बताए (अपनी समस्या किसे बताएँ) अपन मरे बिन सरग नि दिखय (अपने मरे बिना स्वर्ग दिखायी नहीं देता) अपन…

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नवा बछर म देखावा झन करव तुमन

नवा बछर मं नवा बिचार अउ संकल्प के संग सबके भलई के काम करना हे सबले पहिली आप सबो ला नवा बछर के नंगत बधई अउ शुभकामना हावय। मोर अंतस के इही उद्गार हे के सरी संसार हा हांसत-गावत अउ मुसकावत नवा बछर के सुवागत करयं अउ पूरा बछर भर हा बिघन-बाधा के बिन बित जावय। कोनो हा पाछू साल के कोनो गलती ला कोनो गलती ले झन दोहरावय। नवा साल हा दगदग ले, रगरग ले सूरुज कस अंजोर हम सबके जिनगी मा बगरावय अउ अगियान के, गरब-गुमान के अंधियारी…

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सुशील यादव के रचना

सुनव हमर सरकार पानी पलोय ओतके ,जतका के दरकार पनछुटहा सब भाग के ,खबर लिही सरकार रखव जी लीप पोत के ,साथी तीर-तखार सफई के अभियान में ,माते हे सरकार हांका जम के पार दो ,सकलाय गोतियार सुध लेवय न चेत धरय,काबर जी सरकार ईद-दिवाली सब मनय,अपने – अपन तिहार महंगाई ‘बम’ झन फुटय,सुनव हमर सरकार हमर घर ले नहक के जाबे कइसने मरे-बिहान हे गा इही कोती दइहान हे गा खेत-खार तोर सोन उगले भाग में हमर गठान हे गा एसो बादर जम के बरसय फोकट पानी दुकान हे…

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छत्तीसगढ़ी भाषा में रिश्ते-नाते

दाई / महतारी / दइ = माँ (Mother) ददा = पिता (Father) बबा = दादा (Paternal Grandfather) डोकरीदाई = दादी (Paternal Grandmother) कका = चाचा (Father’s Younger Brother) काकी = चाची (Father’s Younger Brother’s Wife) नानी / आजी, ममादाई = नानी (Maternal Grandmother) नाना /आजा बबा = नाना (Maternal Grandfather) मौसी दाई = सौतेली माँ (Step Mother) मौसी = मौसी (Mother’s Sister) मौसा = मौसा (Mother’s Sister’s Husband) ममा = मामा (Mother’s Brother) मामी = मामी (Mother’s Brother’ Wife) भई / भईया = माई (Brother) वृहद आनलाईन छत्‍तीसगढ़ी-हिन्‍दी शब्‍दकोश की…

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