नवा बछर के शुरुआत : कहानी

स्कूल के लइका मन गोठियावत रइथे कि ये पइत नवा बछर के शुरुआत कोन ढ़ंग ले करबो, त जम्मों झन अपन-अपन योजना अउ संगे संग पऊर नवा बछर के सुवागत कइसे करे रीहिन वहू ला सुरता करत राहय, एक झन कइथे हमन तो परवार भर के जम्मों झन जुरिया के दर्शन करे बर अउ पिकनिक मनाय बर जावत हन, पऊर घलो अइसने भोरमदेव गे रेहेन, बड़ मजा आय रीहिस फेर आवत-जावत ले छोटी हा उछर डरिस अउ डोकरी दाई हा बीमार परिस तेहा पाख भर मा चेत पइस। अइसने दूसर…

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आगे सन् अट्ठारा : सार छंद

हाँसव गावव झुम के नाचव, आगे सन् अट्ठारा। मया रंग मा रंगव संगी, सबला झारा-झारा।1 मया बसे हे नस नस सबके, हावय प्रान पियारा। अपन पराया मा झन पर तँय, जुरमिल करव गुजारा।2 छोंड़ सुवारथ के बेमारी, बाँट मया के चारा। रंग रूप होथे चरदिनिया, जिनगी कहाँ दुबारा।3 मोलभाव हे करना बिरथा, आगर कभू आजारा। मया दया हा सबले सुग्घर, हावय जगत अधारा।4 मया बाढ़थे बड़ बाँटे मा, कतको कर बँटवारा। गुरतुर बोली हिरदे राखव, बनथे अमरित धारा।5 हाँसव गावव झुम के नाचव, आगे सन् अट्ठारा। मया रंग मा रंगव…

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नवा बछर के नवा तिहार

नवा बछर के नवा तिहार, दुनिया भर ह मनाही जी।। मोर पीरा तो अड़बड़ जुन्ना, मोर ,नवा बछर कब आही जी?? काबर गरीब के जिनगी ले, सुख के, सुरूज कहाँ लुकागे हे। करजा बोड़ी के पीरा सहीते, आंखी के ,आंसू घलो सुखागे हे।। मोर दशा के,टुटहा नांगर, बूढ़हा बईला हवय गवाही जी…. मोर, नवा बछर कब आही जी? टुटहा भंदई अउ चिरहा बंडी, चुहत ,खपरा खदर छानी मा। जिनगी नरक कस बोझा होगे, भूख मरगेंन हम, किसानी मा।। हाथ पाँव मा छाला परगे, ओमा,मलहम कोन लगाही जी? मोर, नवा बछर…

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अंगरेजी नवा साल!!

हाडा ह कांपत हे अउ चटकत हे गाल! तभो ले मनाबो हम अंगरेजी नवा साल!! दारू मंद के पारटी होही अउ कुकरा ह हलाल तभो ले मनाबो हम अंगरेजी नवा साल!! तइहा के बात ल बइहा लेगे नवा रंग ढंग हे नवा चाल तभो ले मनाबो हम अंगरेजी नवा साल!! किसान बूडे करजा म अउ जनता हे बेहाल! तभो ले मनाबो हम अंगरेजी नवा साल!! भरस्टाचारी मउज करत हे अउ देस के होगे बारा हाल! तभो ले मनाबो हम अंगरेजी नवा साल!! रीझे यादव टेंगनाबासा (छुरा) [responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये…

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नवा बछर के नवा उमंग

नवा बछर के नवा उमंग नवा नवा संगी के संग नवा हवा के नवा असर आ गे हे नवा बछर नवा बछर मा संगी जम्मो खुशी ला आज मनावा हलुवा पुरी बोबरा रोटी घर मा आज बनावा पाछू बछर हमन काबर रहेन अशांत एक बछर चल दिहीस चल दिहीस एकांत पीला मटमैला रंग के फुले हे फुल कनेर नील गगन मा उडत हावय तोता मैना अउ बटेर नवा बछर के नवा कहानी नवा नवा हे आज जवानी नवा बछर के नवा कहर आ गे हे नवा बछर कोमल यादव मदनपुर,…

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गीत-नवा बछर के

नवा बछर के नवा बिहनिया,हो….. नवा सुरुज अब आगे। आवव संगी जुरमिल चलबो, अँधियारी हा भगागे।। नवा बछर के…….. सुरूर सुरूर पुरवईया चलतहे, मन मा आस जगावत हे। नवा काम बर नवा सोंच लव, नवा भाग लहरावत हे।। मन हरियागे तन हरियागे….हो….. मन हरियागे तन हरियागे, खुशहाली अब छागे। नवा बछर के……….. दिन दुगुना अब महिनत कर लव, पथरा फोर कमा लव। नवा जमाना देखत रहि जाय , दुःख पीरा बिसरा लव।। जाँगर पेरव छींचव पसीना….हो…. जाँगर पेरव छींचव पसीना, गंगा एमा समागे। नवा बछर के……….. बिसरे गोठ ला झन…

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कोठार देवता के पूजा

संगवारी हो, हमर छत्तीसगढ़ राज ह धान कटोरा धानी राज आय। कला धरम संसकिरिति अउ बहुत अकन रीति रिवाज ह हमर धनी भुईया के चन्दन कस म समाये हे। हमर भईया के गोटी माटी ह किसान मन के मेहनत अउ जागर टोर कमाई ले सोना हीरा जइसे कीमती रतन बन जाथे। तेखरे सेती हमर भुइया ल रतनगरभा भुईया कहें जाथे। धान के कटोरा छतीसगढ़ म किसान मन अपन करम अउ जांगर के चलत ले खेत खार म धान अउ गहु ल उपजाथे। अउ पूरा छतीसगढ़ म सबो तिहार सबो रीतिरिवाज…

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दिखय नही ओर-छोर, त का करन

दिखय नही ओर-छोर, त का करन, पिरात हे पोर-पोर त का करन। दु – दू पइसा जोड़ेन जिनगी भर, सबो ल लेगे चोर, त का कारन। सबो ल हम अपने सही जानेन, नइ लेवे कोनो सोर त का करन। नइ सुहाय अब तो सुआ- ददरिया गजब करत हे शोर त, का करन। अब बदलगे दुनिया के चाल चलन, भट गे नवा अंजोर, त का करन। जिनगी के आस बुतागे अब तो, जिनगी लागे निपोर, त का करन। बल्‍दाउ राम साहू त का करन= तब क्या करें, पिरात हे= पीड़ा से…

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बोधन राम निषाद राज के तीन छत्‍तीसगढ़ी गीत

1. पनिया भरन खातिर पनिया भरन खातिर, जावय सगरी।। छोटे छोटे हाथ मा, धरे छोटे गघरी।। जमुना के तीर खड़े,जोहत सईया। रसता ल देखय, मया के करईया।। कदम के डार तरी, बाजय बँसरी। पनिया भरन खातिर……………. वृन्दाबन के छोरा,बरसाना के छोरी। रास रचाए ब्रज में, नाचे गोपी गोरी।। गइया पाछू घुमे बन मा, ओढ़े खुमरी। पनिया भरन खातिर……………. लाज शरम छोड़े,नाता निभाए बर। किशन मुरारी संग, दिन पहाए बर।। सुध ला बिसार डारे, राधा बपरी। पनिया भरन खातिर……………. 2. मेहनत हे भगवान मेहनत हे पूजा अउ, मेहनत हे भगवान। मेहनत…

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नवा साल मुबारक हो

बड़े मन ल नमस्कार, अऊ जहुंरिया से हाथ मिलावत हों। मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो। पढहैया के बुद्धि बाढहे, होवय हर साल पास। कर्मचारी के वेतन बाढहे, बने आदमी खास। नेता के नेतागिरी बाढहे, दादा के दादागिरी। मिलजुल के राहव संगी, झन होवव कीड़ी बीड़ी। बैपारी के बैपार बाढहे, जादा ओकर आवक हो। मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो। किसान के किसानी बाढहे, राहय सदा सुख से। मजदूर के मजदूरी बाढहे, कभू झन मरे भूख से। कवि के कविता बाढहे, लेखक के लेखनी। पत्रकार के…

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