उछाह के परब गणतंत्र दिवस

26 जनवरी के दिन हा हमर बर राष्ट्रीय तिहार आय, अउ हमन जम्मों झन ये उछाह के परब गणतंत्र दिवस ला मिलके मनाथन। ये दिन ला हमन अपन संविधान के स्थापना दिवस के रूप मा घलो जानथन। फेर संविधान के सिरतो मा सम्मान करे बर येखर महत्ता ला जानना घलो जरूरी हे। गणतंत्र बर कहे गे हवय “मनखे के, मनखे बर, मनखे ले”। हमर इही बिचार ल संविधान के रुप म संजोय गे हवय। हमर दू सौ बछर के अंग्रेजी गुलामी ले 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी मिलिस फेर…

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गणतंत्र दिवस के करा तइयारी

झूमत हावय सब नर नारी छोड दा जम्मो अब लाचारी कुर्बानी के फल गुरतुर हावय गणतंत्र दिवस के करा तइयारी संगी जहुंरिया खुशी मनावा मां के जय जय कार लगावा भारत मां के गीत ला गावा ढोल नगाडा आज बजावा लइका जम्मो एति आवा परसाद के पुडिया धर के खावा आनंदित हे दुनिया सारी गणतंत्र दिवस के करा तइयारी खुशी जम्मो मनावत हे भउजी घलो लजावत हे भइया काबर दुरिहा हे ओखरो बर परसाद के पुडिया हे भारत मां तिहार हे लइका मन हुसियार हे लइका तुमन शान बढावा भारत…

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परजातंत्र

परजातंत्र उपर, लइकामन म बहेस चलत रहय। बुधारू किथे – जनता के, जनता मन बर, जनता दुआरा सासन ल, परजातंत्र कहिथें अऊ एमा कोई सक निये। भकाड़ू पूछीस – कते देस म अइसन सासन हे ? मंगलू किथे – हमर देस म ……, इहां के सासन बेवस्था, पिरथी म मिसाल आय। भकाड़ू किथे – तोर मिसाल कहूं डहर जाय, हमर देस म का सहींच म परजातंत्र सासन हे ? अरे हव रे …..के घांव बताहूं, इही परजातंत्र के जनम दिन म, हरेक बछर छब्बीस जनवरी के उतसव मनाथन – मंगलू…

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छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के तीन दिवसीय छठवां प्रांतीय सम्मेलन सम्‍पन्‍न

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के तीन दिवसीय छठवां प्रांतीय सम्मेलन के उदघाट्न समारोह 19 जनवरी के दिन बेमेतरा छत्तीसगढ़ म सम्पन्न होइस। ए समारोह के माई पहुना माननीय श्री दयालदास बघेल संस्कृति मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, अध्यक्षता डॉ विनय कुमार पाठक आयोग के अध्यक्ष, खास सगा श्री अवधेश चंदेल विधायक बेमेतरा, श्री सुरजीत नवदीप अउ श्री गणेश सोनी सदस्य आयोग, श्री राजेंद्र शर्मा जिला भाजपा अध्यक्ष, श्री नीलू शर्मा अध्यक्ष भंडार निगम अउ संचालन डॉ सुरेंद्र दुबे सचिव आयोग करीन। नेवताय पहुना मन छत्तीसगढ़ी भाखा ल आघु बढ़ाय बर उदीम करइया मन…

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छंद चालीसा – छत्तीसगढी छंद के कोठी

छंद चालीसा “छत्तीसगढी छंद के कोठी” रमेशकुमार सिंह चौहान प्रकाशक आशु प्रकाशन पता- प्लाट नं. 509 मिलेनियम चौक सुंदर नगर, रायपुर (छग) मोबाईल : 09302179153 छत्तीसगढ राजभाषा आयोग के सहयोग से प्रकाशित आवरण चित्र : प्रकाश सिंह प्रकाश आवरण सज्जा : लोकेश सिंह चौहान प्रथम संस्करण : 2017 मूल्य : 200 रुपये मात्र कॉपी राइट : लेखकाधीन भूमिका गद्य विधा मा जउन महत्व व्याकरण के होथे, पद्य विधा मा उही महत्व छन्द के होथे। छन्द सीखे बर व्याकरण के ज्ञान जरूरी होथे अउ इही व्याकरण हर कोनो भाखा ला समृद्ध…

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पीरा ल कइसे बतावंव

आजकल फेसबुक, वाट्सअप अउ दुनियाभर के सोसल मीडिया म एक ठी नवा चलागन चले हे। आइ ए एस परीक्षा म पूछे गे सवाल- सही उत्तर बताय म 99% फैल। कुछ भी अंते-तंते सवाल रथे बिगन मुड़ी पुछी के। तभो ले मोबाइल के दीवाना मन दिन-रात उही म भिड़े रइथे। फेर मैं जेन सवाल ल पूछत हौं तेकर जवाब देय बर सेंट परसेंट फैल हो जही। सवाल हे- “अइसन कोन सा काम हवय जेला मास्टर मन नइ कर सकय?” उत्तर बताने वाला म सेंट परसेंट के फैल होना पक्का। ए तीर…

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छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के छठवां प्रांतीय सम्मेलन

बेमेतरा म आज ले छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के छठवां प्रांतीय सम्मेलन सुरू होवत हे। ये सम्‍मेलन बर मुख्यमंत्री अऊ संस्कृति मंत्री ह शुभकामना देहे हें। राज्य सरकार के संस्कृति विभाग के संस्था छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार पाठक ह पाछू दिनन रायपुर म बताइन कि आयोग के छठवां तीन दिवसीय प्रांतीय सम्मेलन ए महीना के 19 तारीक ले 21 तारीक तक जिला मुख्यालय बेमेतरा म आयोजित करे जाही। ये मां राज्य के कवि अऊ लेखक मन के संग प्रदेश सरकार के मंत्री, छत्तीसगढ़ के सांसद अउ विधायक…

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चरगोड़िया – छत्तीसगढी़ मुक्तक

(1) भइया नवा जमाना आगे । हमरे करनी हमला खागे । चल थाना म रपट लिखाबो हमर मान मरजाद गँवागे ।। (2) कइसन होगे हमर करम ? कहाँ लुकागे हमर धरम? मोटियारी मन ला नई लागै फुलपेंट म लाज सरम ।। (3) धान होगे बदरा, मितान होगे लवरा, नदिया के पानी घलो, होत हवै डबरा। ओरछा के पानी हा, बरेंडी कोती जात हवै कतकोन नेता मन, होगें चितकबरा ।। (4) करम देस के फाटत हे । अउ जनता ला काटत हे । राजनीति आरक्षन के हमर देस ल बाँटत हे…

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डॉक्‍टर दानी के बानी

आजकल पढैया लैक मन बर ज़रूरी होगे हवय ट्यूसन, कारकि अब सिक्षा के क्षेत्र मा घलो बढ गेहे कांपिटिसन, हम तो अलवा जलवा गुटका ला पढ के पास होय रेहेन, वो समय तो कक्षा म चिलम चढा के आवय सिक्षक मन्, अब के स्कूल डिसीप्लीन ला बड़ महत्व देथे,साथे साथ, हर बछर उमन फ़ीस ला बढावत जावत हवय दनादन, अउ उही मन कहिथे कि नंबर पाना है तो ट्यूसन पढव, हमर से ट्यूसन पढहू तभे परीक्षा म पा सकहू नंबर वन। पर इंखर ट्यूसन फ़ीस हा स्कूल के फ़ीस से…

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इहां… मना हावय

हमर देस मा तुंह जिहां भी कोनो सार्वजनिक जगह, सरकारी जगह मा जाहा तव उहां के भिथियां म कुछु न कुछु बोर्ड मा लिखाय सूचना पाहा। जइसे के “जइसन किसिम-किसिम के सूचना भिथिया म टंगाय रहिथे। फेर हमर देस के मनखे मन के कुछु आने च काम चलथे। इहां मनखे मन जिहां लिखाय देखहिं के “इहां थूकना मना हावय” के बोर्ड ल देखके मनखे के मन मा थूंके के इक्छा कुलबुलाय लगथे अउ तुरते उन पच्च के दे थे। तहां ले उहां ले तुरते निकले लेथे के कोनो देखय झन।…

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