बेलासपुर के बिकास के धारा म कुछु छूट गे त ओ हवय अरपा नदी, जो ह बेलासपुर ल जीवन देवइया दाई के बरोबर हवय, कई बछर बीतिस अउ बछर के संगे-संग बेलासपुर सहर म थोरकिन बदलाव घलोक आईस, फेर अरपा नदी म कोनो देखे लइक बदलाव नई आइस, अरपा ह जइसन पहली रहिस, वइसने अभी के बेरा म घलोक हवय। पाछु के बेरा म त थोरकिन बोहात दिख घलोक जाए फेर अभी के बेरा म ओहु नई बांचे हे, अब तो ऊपर वाला भगवानेच कुछु कर सकत हे। अरपा ल…
Read MoreMonth: January 2018
दोहालरी नवा बछर के
1 नवा बछर शुभकामना,जिनगी हो खुशहाल। मन के कोठी मा मया,बाढ़य जी हर साल। 2 पाछू के अटके बुता,सफल सिद्ध हो जाय। नवा बछर हे देवता,जन जन सब मुस्काय। 3 मतलबिया घरफोरवा,झन दँय घातक घात। सुमता के दियना जलय,गाँव गली दिन रात। 4 अघुवा लहुटे दोगला,अइसन दिन झन आय। कथनी करनी एक हो,किरिया अपन निभाय। 5 खरतरिहा खन्ती खनय,दिनभर खेती खार। सरलग महिनत ला करै,लावय नवा बहार। 6 खेती ला पानी मिलय,फसल लहर लहराय। खातू बिजहा हो असल,करजा सबो चुकाय। 7 अंतस मा राखव सबो, गुरतुर गुरतुर गोठ। चुगली चारी…
Read Moreगीत – बाँसुरिया के तान अउ सूना लागे घर अँगना
बाँसुरिया के तान बाँसुरिया के तान मा, नचावय कन्हैया। राधा रानी घलो नाचै,बजावै पैजनियाँ। बाँसुरिया के……….. माई जसोदा मोर, दही ला गँवाडारिस। गोप गुवालीन मन, सूध भुला डारिस।। रद्दा ला छोड़ कहाँ, जावत हे जवईया। बाँसुरिया के……….. गईया चरावत सबो,खेले सब ग्वाला। पनिया भरत छेड़े, दिखे भोला भाला।। पनघट आय फोरे, पानी के गघरिया। बाँसुरिया के………… चिरई चुरगुन घलो, धुन मा मोहाय हे। तोर बँसरी राधा के, मन मा समाय हे।। देख लीला कान्हा के, मन मा बसईया। बाँसुरिया के……….. सूना लागे घर अँगना सूना लागे घर अँगना, दुवार सजना।…
Read Moreजयति जय जय छत्तीसगढ़ देस, चेतावनी, लावनी – पं. लोचन प्रसाद पाण्डेय
4 जनवरी 1887 को रायगढ़ ज़िले में बालपुर नामक ग्राम में जन्मे लोचन प्रसाद पाण्डेय हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इन्होंने हिन्दी, संस्कृत एवं उड़िया दोनों भाषाओं में काव्य रचनाएँ भी की हैं। सन 1905 से ही इनकी कविताएँ ‘सरस्वती’ तथा अन्य मासिक पत्रिकाओं में छपने लगी थीं। मुख्य रचनाएँ’ दो मित्र’, ‘प्रवासी’, ‘कविता कुसुम माला’, ‘मेवाड़ गाथा’, ‘पद्य पुष्पांजलि’, ‘छात्र दुर्दशा’, ‘ग्राम्य विवाह विधान’ आदि हैं। इतिहास-पुरातत्व खोजी अभियान में वे सदा तत्पर रहे। उनके खोज के कारण अनेक गढ़, शिलालेख, ताम्रपत्र, गुफ़ा प्रकाश में आ सके। इन्होंने सन…
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