कइसे उदुप ले डोकरा होगे जंगल के बघवा तेंहा, कइसे चऊंर–चाबे बोकरा होगे। एक कोरी म छै बछर कम, कइसे उदुप ले, डोकरा होगे।। जौन आथे तौन, बखरी ला उजारथे। पेट ला हमर काट के, देखावटी सुलारथे। छत्तीसगढ़ ल चरागन भुंइया बना लीन, चोरहा मन चौरस्ता म कोतवाल ल ललकारथे। मिठलबरा मन के डिपरा पेट, […]
Day: February 25, 2018
मोर भारत देश के माटी
चंदन के समान हे, जेकर पावन कोरा मे जनमे देवता कस बेटा किसान हे, इही माटी मे जनम धरेंव ये बात के मोला अभीमान हे। कोनो हिन्दु हे कोनो मुस्लिम, कोनो सिख ईसाई हे, मया पिरीत के डोरी बंधाहे, जम्मो झन ह भाई ये, रमायन, गीता, बाईबल कोनो मेर, कहुँ गुरू ग्रंथ अऊ कुरान हे, […]
गरीब बनो अउ बनाओ
नवा बछर के बधाई म मोर एकलौता संगवारी जब ले केहे हे – ‘मंगलमय’। मंगलवार घलो इतवारमय लागत हे। इतवार माने सब छोड़छाड़ के, हाथ गोड़ लमाके अटियाय के दिन। फुरसत के छिन। अच्छा दिन।जब ले सुने हंव गरीब नामक जीव के उद्धार बिल्कुल होवईयाच हे, संडेवा काड़ी सहिन शरीर के छाती मुस्कुल म बीस […]
लाल लाल फूले हे, परसा के फूल। बांधे हे पेड़ मा, झूलना ला झूल। पिंयर पिंयर दिखत हे, सरसों के खेत। गाय गरु चरत हे, करले थोकिन चेत। टप टप टपकत हावय, मऊहा के फर। बीन बीन के टूरी तैं, झंऊहा मा धर। आये हे बसंत रितु, चलत हे बयार। मेला घूमे ला जाबोन, रहिबे […]
हमर खान-पान मा नून-मिरचा
मिरचा कहिबे ताहन सुनईया अउ कहईया दूनो के मुहु चुरपुराय अउ आँखी झरझराय सरीख लागथे, फेर उही मिरचा ला हमर खान-पान ले अलगाय के सोचेच भर ले हमर मुहु के सुवाद सबर दिन बर सिराये सरीख घलो लागथे। नून अउ मिरचा बिन काहिंच नइ सुहावय। ये दूनो ला हमन कब ले बउरत हन तेखर परमान […]