बइरी जमाना के गोठ

काला बताववं संगी मैं बैरी जमाना के गोठ ल, जेती देखबे तेती सब पूछत रहिथे नोट ल, कहूँ नई देबे नोट ल, त खाय बर परथे चोट ल, काला बताववं संगी मैं बैरी जमाना के गोठ ल। जमाना कागज के हे, इहिमा होथे जम्मो काम ग, कही बनवाय बर गेस अधिकारी मन मेर, त पहिली लेथे नोट के नांव ग, अलग अलग फारम संगी सबके फिक्स रहिथे दाम ग, अउ एक बात तो तय हे, जभे देबे नोट तभे होही तोर काम ग, ऊपर ले नीचे खवाय बर परथे, लिखरी…

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निषाद राज के दोहा

माने ना दिन रात वो, मानुष काय कहाय। ओखर ले वो पशु बने, हात-हूत मा जाय।। भव ले होबे पार तँय, भज ले तँय हरि नाम। राम नाम के नाव मा, चढ़ तँय जाबे धाम।। झटकुन बिहना जाग के, नहा धोय तइयार। घूमव थोकन बाग में, बन जाहू हुशियार।। कहय बबा के रीत हा, काम करौ सब कोय। करहू जाँगर टोर के, सुफल जनम हा होय।। जिनगी में सुख पायबर, पहली करलौ काम। कर पूजा तँय काम के, फिर मिलही आराम।। रात जाग के का करे, फोकट नींद गँवाय। दिन…

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मई दिवस म बनिहार मन ल समर्पित दोहागीत

जय हे जाँगर जोस के, जुग-जुग ले जयकार। सिरतों सिरजन हार तैं, पायलगी बनिहार। खेत-खार नाँगर-बखर, माटी बसे परान। कुदरा रापा हा कहे, मोर हवे पहिचान । लहू पछीना ओलहा, बंजर खिले बहार।1 सिरतों सिरजन हार तैं…… घाट-घटौंदा घरउहा, महल-अटारी धाम। सड़क नहर पुलिया गढे़, करथव कब बिसराम। सरलग समरथ साधना, सौ-सौ हे जोहार।2 सिरतों सिरजन हार तैं……. ईंटा-पखरा जोरके, धर करनी गुरमाल। खद्दर खपरा खोंधरा, मस्त मगन हर हाल। सोसक सरई सोनहा, बनी-भुती खमहार।3 सिरतों सिरजन हार तैं……. अन्न-धन्न दाता तहीं, सुख सब तोरे पाँव। परछी परवा मा रहे,…

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