छत्तीसगढ़ी भासा बोले म सहज अउ सुग्घर हे, ये भासा म कुसियार के रस असन मिठास हे। एकर व्याकरन ल अठारह सौ पचीयासी म हिरालाल चन्नाहु ह लिख डारे रहिस हे। ये व्याकरन ल बछर 1890 म कोलकाता के अंग्रेजी कम्पनी ले प्रकासित घलो कराए गए रहिस हे। छत्तीसगढ़ी भासा छत्तीसगढ़िया मन के महतारी भासा आय। अभी के बेरा म एकर बोलइया लगभग दु करोड़ ले ऊपर हे। छतीसगढ के अलावा नागपुर म बसे छत्तीसगढ़िया, दिल्ली, जम्मू, धमधी (महाराष्ट्र), असाम के चाय बागान के प्रवासी छत्तीसगढ़िया मन के दुवारा घलो…
Read MoreMonth: November 2018
सबो नंदागे
कउवा के काँव काँव। पठउंहा के ठउर छाँव। भुर्री आगी के ताव। सबो नदागे।। खुमरी के ओढ़इ। कथरी के सिलइ। ढेकना के चबइ। सबो नदागे।। हरेली के गेड़ी चढ़इ। रतिहा म कंडील जलइ। कागज के डोंगा चलइ। सबो नदागे।। नांगर म खेत जोतइ। बेलन म धान मिंजइ पइसा बर सीला बिनइ। सबो नदागे।। ममा दाई के कहानी किस्सा। संगवारी संग खेलइ तीरी पासा। मनोरंजन के गम्मत नाचा। सबो नदागे।। रेडियो के समाचार सुनइ। सगा ल चिट्ठी लिखइ। सिलहट पट्टी म लिखइ-पढ़इ। सबो नदागे।। टेंड़ा म पानी पलोइ। ढेंकी म धान…
Read Moreग़ज़ल : उत्तर माढ़े हे सवाल के
हो गे चुनाव ये साल के। उत्तर माढ़े हे, सवाल के। बहुत चिकनाईस बात मा चिनहा ह दिखत हे, गाल के। आज हम कौन ल सँहरावन जम्मो हावै टेढ़ा चाल के। किस्सा सोसन के भूला के, रक्खौ लहू ला उबाल के। झन धरौ कौनो के पाँव ल, अपन ला रक्खौ सँभाल के। बलदाऊ राम साहू
Read Moreतुंहर मन म का हे
तुंहर मन म का हे अपन अंतस ल बोल दव मोर मन के गोठ ल सुन लव अभी तो मान लव जो हे बात हांस के कही दव जिनगी के मया म रस घोल दव अभी तो बदलाव कर दव महुँ हंव किनारा म मझधार ल पार करा दव मया के गोठ हांस के बता दव… लक्ष्मी नारायण लहरे ,साहिल, कोसीर
Read Moreमाटी मोर मितान
सुक्खा भुँइया ल हरियर करथंव, मय भारत के किसान । धरती दाई के सेवा करथँव, माटी मोर मितान । बड़े बिहनिया बेरा उवत, सुत के मँय ऊठ जाथंव । धरती दाई के पंइया पर के, काम बुता में लग जाथंव । कतको मेहनत करथों मेंहा, नइ लागे जी थकान । धरती दाई के सेवा करथंव, माटी मोर मितान । अपन पसीना सींच के मेंहा, खेत में सोना उगाथंव । कतको बंजर भूंइया राहे, फसल मँय उपजाथँव । मोर उगाये अन्न ल खाके, सीमा में रहिथे जवान । धरती दाई के…
Read Moreकोउ नृप होउ, हमहि …
हमर राम राजा बनही, ये सपना हा आज के नोहे , तइहा तइहा के आए! त्रेताजुग म, जम्मो तियारी कर डारिन,फेर राम ल राजा नि बनाए सकिन कोन्हो, अउ दसरथ सपना देखत दुनिया ले बिदा घला होगिस! उहां के जनता के चौदा बछर, सिरिफ अगोरा म बीतगे! राम राजा बनही, त ऊंखर समसिया के निराकरन होही, इंखर दुख दरद गोहार ल सुनही, इही आस अभू तक संजोए राखे हे जनता! तभे हर बखत राम ल राजा बनाए के कोसिस करे जाथे! पर राम कोन जनी कहां लुकाहे! अब परस्न ये…
Read Moreतभे होही छत्तीसगढ़ी भाखा के विकास
छत्तीसगढ़िया मन ल पहली अपन भाखा ल अपनाये ल लगही तभे होही छत्तीसगढ़ी भाखा के विकास छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी भाखा बर राज भाखा आयोग त बना डारे हे फेर भाखा के विकास बर कुछु काम नइ होइस, अठरा बछर होगे छत्तीसगढ़ राज ल बने तभो ले इहा के छत्तीसगढ़ी भाखा ह जन-जन के भाखा नइ बन सकिस, कतको परयास करत हे जन मानुष मन अपन भाखा ल जगाये के, तभो ले अतना पिछड़े त कोनो भाखा नइ होही जतन छत्तीसगढ़ी भाखा हे, काबर के छत्तीसगढ़ी भाखा ल जतका खतरा परदेशिया…
Read Moreजाड़ अब्बड़ बाढ़त हे
बिहनिया ले उठ के दाई , चूल्हा ल जलावत हे । आगी ल बारत हे अऊ , चाहा ला बनावत हे । जाड़ अब्बड़ बाढ़त हे हँसिया ला धर के दाई , खेत डाहर जावत हे । घाम म बइठे बबा , नाती ला खेलावत हे ।। जाड़ अब्बड़ बाढ़त हे सेटर शाल ओढे हावय , घाम सबो तापत हे । किट किट दाँत करे , लइका मन काँपत हे ।। जाड़ अब्बड़ बाढ़त हे बिहना के उठइया मनखे , जाड़ मा नइ उठत हे । चद्दर ला ओढ के…
Read Moreका होही?
बाढत नोनी के संसो म ददा के नींद भगा जाथे। कतको चतुरा रहिथे तेनो ह रिश्ता-नत्ता म ठगा जाथे। दू बीता के पेट म को जनी!! कतेक बड दाहरा खना जाथे। रात-दिन के कमई ह नी पूरय जतेक रहिथे जम्मो समा जाथे। दुब्बर बर दू असाढ करके मालिक ल घलो मजा आथे। लटपट-लटपट हमरे बर पूरथे तउनो म रोज सगा आथे। बइमान सब मउज करत हे साव मनखे ह सजा पाथे। आंखी मूंदके बैठे हे सब हंसा तभे करिया कउंवा जघा पाथे। रीझे यादव टेंगनाबासा(छुरा)
Read Moreचरनदास चोर
चरनदास चोर ला कोन नी जानय। ओकर इमानदारी अऊ सेवा भावना के चरचा सरग तक म रहय। अभू तक कन्हो चोर ला, सरग म अइसन मान सममान नी मिलिस जइसन चरनदास पइस। एक दिन के बात आय, चरनदास हा, सरग म ठलहा बइठे भजन गावत रहय तइसने म, चित्रगुप्त के बलावा आगे। चित्रगुप्त किथे – चरनदास, पिरथी म तोर जाये के समे आगे। चरणदास पूछथे – कइसे भगवान ? चित्रगुप्त किथे – बीते जनम म तोर आयु पूरा नी होय रिहीस, उही बांचे आयु ला पूरा करे बर, वापिस जाये…
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