सोंच समझ के चुनव सियान

छत्तीसगढ़ ला गजब मयारू, सेवक चाही अटल जुझारू, अड़बड़ दिन भोरहा म पोहागे, निरनय लेके बेरा आगे। पिछलग्गू झन बनव, सुजान, सोंच समझ के चुनव सियान ।। करिया गोरिया जम्मो आही, रंग रंग के सब बात सुनाही, जोगी आही भोगी आही, सत्ता लोलुप रोगी आही। कोन हितू, कोन बेंदरा मितान, सोंचा समझ के चुनव सियान।। एक झिन बड़का सरग नेसेनी, दूसर के अदभुत हे करनी, ये नाग के नथइया, ओ सांप नचइया, दुबिधा म मत परव रे भइया। रसता सुझाही कुलेस्वर भगवान, सोंच समझ के चुनव सियान।। नहि खुरसी के…

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मंय छत्तीसगढ़ बोलथंव

मंय छत्‍तीसगढ़ी बोलथंव मंय मन के गॉंठ खोलथंव छत्तीसगढ़ियामन सुनव मोर गोठ ल धियान गॉंव-गॉंव म घुघवा डेरा नंजर गड़ाहे गिधवा-लुटेरा बांॅध-छांद के रखव खेती-खार अऊ मचान एक-अकेला छरिया जाहू जुरमिल दहाड़व बघवा समान मंय छत्तीसगढ़ बोलथंव तूं सुनव देके कान चार-चिरोंजी पुरखऊती ए जंगल जिनगानी लिखाहे ते बस्तर म खून कहानी करिया कपटीमन रचाहे घोटुल-घोटुल गुंडाधूर निकलव भूमकाल बर उठावव तीर-कमान मंय छत्तीसगढ़ बोलथंव तूं सुनव देके कान करजा के सुनामी म बुड़गे रूख लटके किसान हे रेती कस किसानी गंवाथे किसान होथे गुलाम हे गॉंव-गॉंव ले किसान निकलव…

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छत्तीसगढ़ी भासा के महत्तम

छत्तीसगढ़ी भासा अब्बड़ मीठ ,गुरतुर बोली आय, आमा के रूख मा कोइली मीठ ,बोली अस आय. छत्तीसगढ़ी भासा अब्बड़ मीठ….. हिदय के खलबलावत भाव ल उही रूप म लाय, फूरफूंदी अस उड़त मन के ,गीत ल गाय. छत्तीसगढ़ी भासा अब्बड़ मीठ….. जइसन बोलबे तइसन लिखबे ,भासा गुन आय, जै जोहार अउ जै जवहरिया,सब्द भासा के आय. छत्तीसगढ़ी भासा अब्बड़ मीठ…… अपन भासा म गोठियावव,सरम का के आय, छत्तीसगढ़ी भासा हमर राज के भासा आय . छत्तीसगढ़ी भासा अब्बड़ मीठ….. हमर भासा बर रूख पीपर ,करेजा म ठंडक देवय, लोक गाथा…

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