लेखक – रामनाथ साहू प्रकाशक – वैभव प्रकाशन, अमीन पारा चौक, पुरानी बस्ती, रायपुर- 492001 (छत्तीसगढ़) दूरभाष : 0771-4038958 मोबाइल : 094253 58748 मुद्रक : वैभव प्रकाशन, रायपुर (छत्तीसगढ़) मूल्य : 100 रू. ISBN : 81 -89244-03-05 ( भूमि : ज़मीं : The Land) छत्तीसगढी राजभाषा आयोग, रायपुर से प्राप्त आर्थिक सहयोग से प्रकाशित समर्पण छत्तीसगढ के ‘लोक सुर’ लक्ष्मण मस्तुरिया अउ आन जम्मो छोटे-बडे़ लोक गायक, संगीतकार मन ला जेमन के नाद-बरम्ह हर मोला सदाकाल ले आनंदित करत हावे। साभार छत्तीसगढी लोकाक्षर (संपादक श्री नन्द किशोर तिवारी) ला जेहर ये…
Read MoreYear: 2018
कविता संग्रह : छत्तीसगढ़ ल बंदव
मिलन मलरिहा के कविता संग्रह छत्तीसगढ़ ल बंदव अऊ बंदव इहाँ किसान ल भईया… धनहा कटोरा भरे न…… ए गा सियनहा…. छत्तीसगढ माटी हे सोना के उपजईया महानदी दाई छलकावत हावय मया सबे कोती बोहावत हावय न, संगे अरपा…. धनहा कटोरा भरे न…..
Read Moreनवगीत : अगर न होतेन हम
करिया-करिया बादर कहिथे अगर न होतेन हम। धरती जम्मो बंजर होतिस जल हो जातिस कम। हमर आए ले तरिया-नरवा जम्मो ह भर जाथे, जंगल-झाड़ी, बन-उपवन मन झूम-झूम हरसाथे। कौन हमर तासीर ल जाने जाने कौन मरम? करिया-करिया बादर कहिथे अगर न होतेन हम। मनखे मन हर काटत हावै रुख-राई ल जब ले, हमर आँखी मा आँसू रहिथे रूप बिगड़गे तबले। मोर पीरा ल समझे नहीं, फूटे उँकर करम। करिया-करिया बादर कहिथे अगर न होतेन हम। परियावरन रही बने जी सुग्घर दिन तब आही मेचका, मछरी अउ चिरई मन गीत हरेली…
Read Moreसावन झूला
सावन महीना आ गे संगी , चलव झूला झुलबो । सखी सहेली सबो संगी, एके जगा मा मिलबो । अब्बड़ मजा आही बहिनी , जब झूला मा झुलबो । जाबो अमरइया के तीर मा , एके जगा सब मिलबो । मंदिर जाबो सबो झन हा , शिव भोला ल मनाबो । दूध दही अउ नरियर भेला, मन श्रद्धा से चढाबो । औघड़ दानी शिव भोला हे , सब ला देथे वरदान । नियम पूर्वक श्रद्धा से, करथे जे ओकर मान । सावन के सोमवारी मा , रहिबो हम उपवास ।…
Read Moreशिव भोला ल मनाबोन
चल संगी भोला ल मनाबोन , बेलपान अऊ नरियर भेला ल चढाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन । नदियाँ नहाबोन अऊ दीया जलाबोन । धोवा धोवा चाँउर शिव भोला मा चढाबोन । हावय अब्बड़ भीड़ भाड़, हमू लाइन लगाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन …………….. भोले बाबा के जी , महिमा हे भारी । पूजा करत हे , सबो नर नारी । होवत हे आरती, हमू घंटी बजाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन ……………… औघड़ दानी हावय , अब्बड़ शिव भोला । जे मांगबे तेला , दे…
Read Moreनरहराधाम छोटे जलप्रपात
प्राकृतिक के गोद म बसे नरहराधाम जिला मुख्यालय धमतरी ले महज ३५ किलोमीटर अउ कुकरेल ले लगभग लगभग २०किलोमीटर उड़ती मुड़ा नगरी ब्लाक वनांचल कोटरवाही गांव के निकट म स्थित हे! जंगलराज कोटरवाही मगौद झुरातराई बासीखाई अउ आप परोस के गांव बर पर्यटन स्थल के जगा बन गेहे! नरहराधाम घनघोर जंगल रुख राई डोंगरी पहाड़ी के बीच कोटरवाही गांव के सियार म स्थित हे! नरहराधाम घुमाईया फिराईया पर्यटक मनके जाय बर मोटर गाड़ी फटफटी साईकिल के सुविधा ल देखत पैयडगरी आय जाय बर रुख राई ल काटके, पहाड़ पथरा फोरके,…
Read Moreआगे हरेली तिहार
आगे हरियर हरेली तिहार उल्हा उल्हा पाना हरियाथे राउत खोचय लीम डारा डेराउठी मुहाटी म खोचाथे राउतईन दाई ह सुग्हर हथना माईकोठी कुरिया म बनाथे सुपा-सुपा सेर चाउंर धान सिधो सिधो ठाकुराइन देवाथे गहुं पिसान के गोल-गोल गाय गरुंवा बर लोंदी सानथे कांदा कुसा अउ जड़ी बूटी बरदिहा मन करले लानथे अंडा पान के लगाके पशुधन गरूंवा ल खवाथे कभु बिमारी झन आवय देवी देवता ल मनाथे नांगर कोप्पर गैती रापा हंसिया बसला सबो धोवाथे रंग-रंगोली तुलसी चउंरा ल चउंर पिसान के पुर पुराथे ओईरसा अंगना के तिरे तिर भांठा…
Read Moreशिवशंकर के सावन सम्मार
हमर हिन्दू पंचांग के दिन तिथी के नामकरन हा कोनो ना कोनो देवी-देवता मन ले जुड़े हावय। सब्बो सातो दिन के नाँव के कथा हा अलग-अलग हावय। सनातन धरम मा जम्मों तिथी के नाँव हा देवता मन ले जुड़े मिलथे। सातो दिन पहिली मा सबले पहिली दिन इतवार के संबंध भगवान सूरुज नरायन ले माने जाथे। तीसरइया दिन मंगलवार के संबंध हा संकट मोचन हनुमान ले माने जाथे। कोनो कोनो जघा मा कोनो कोनो मन हा ए दिन गनेस देवता के दिन मानथे। बुधवार के दिन भगवान बुध के बिधि-बिधान…
Read Moreभोले बाबा
डोल डोल के डारा पाना ,भोला के गुण गाथे। गरज गरज के बरस बरस के,सावन जब जब आथे। सोमवार के दिन सावन मा,फूल पान सब खोजे। मंदिर मा भगतन जुरियाथे,संझा बिहना रोजे। लाली दसमत स्वेत फूड़हर,केसरिया ता कोनो। दूबी चाँउर दूध छीत के,हाथ ला जोड़े दोनो। बम बम भोला गाथे भगतन,धरे खाँध मा काँवर। नाचत गावत मंदिर जाके,घुमथे आँवर भाँवर। बेल पान अउ चना दार धर,चल शिव मंदिर जाबों। माथ नवाबों फूल चढ़ाबों ,मन चाही फल पाबों। लोटा लोटा दूध चढ़ाबों ,लोटा लोटा पानी। भोले बाबा हा सँवारही,सबझन के जिनगानी।…
Read Moreतोला देखत रहिथवं
तोला मैंय देखत रहिथंव “माया”, दिन अउ रात मैंय तोला देखत रहिथंव!! पुन्नी के चंदा कस तोर चेहरा चमके वो, गोंदा के फुल ह तोर खोपा म महके वो!! तैंय मोर चंदा चकोर असन दिखत हस, अउ भौउंरा कस महक ल मोर लेवत हस!! तोर माथा के टिकली बिजली असन चमके वो, गर के तोर माला हीरा असन चमके वो!! तोला मैंय देखत रहिथंव “माया”, दिन अउ रात मैंय तोला देखत रहिथंव!! सोनु नेताम”माया” रुद्री नवागांव धमतरी
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