सेहत के खजाना – शीतकाल

हमर भारत भुईयाँ के सरी धरती सरग जइसन हावय। इहां रिंगी चिंगी फुलवारी बरोबर रिती-रिवाज,आनी बानी के जात अउ धरम,बोली-भाखा के फूल फूले हावय। एखरे संगे संग रंग-रंग के रहन-सहन,खाना-पीना इहां सबो मा सुघराई हावय। हमर देश के परियावरन घलाव हा देश अउ समाज के हिसाब ले गजब फभथे। इही परियावरन के हिसाब ले देश अउ समाज हा घलो चलथे। इही परियावरन के संगे संग देश के अर्थबेवसथा हा घलाव चलथे-फिरथे। भारत मा परियावरन हा इहां के ऋतु अनुसार सजथे संवरथे। भारत मा एक बच्छर मा छै ऋतु होथे अउ…

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मोर छत्तीसगढ़ के माटी

गुरतुर हावय गोठ इहाँ के, अऊ सुघ्घर हावय बोली। लइका मन ह करथे जी, सबो संग हँसी-ठिठोली।।‍ फुरसद के बेरा में इहाँ, संघरा बइठे बबा- नाती। महर-म‌हर ममहाये वो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी।। बड़े बिहनिया ले संगी, बासी ह बड़ सुहाथे। आनी-बानी नी भावय, चटनी संग बने मिठाथे।। ईज्जा-पिज्जा इहाँ कहां, तैहा पाबे मुठिया रोटी। महर-म‌हर ममहाये वो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी।। गैस ले बड़ सुघ्घर संगी, चूल्हा के भात खवाथे। घाम के दिन बादर म, आमा के चटनी ह भाथे।। मटर-पनीर नी मिलय, पाबे किसम-किसम के भाजी। महर-म‌हर ममहाये…

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मनखे गंवागे

मनखे गंवागे गांव के शहर के देखाईं म गांव भुलागे स्वारथ के अंधियारी खाईं म।। इरिषा अनदेखना बाढ़ गे डाह धरिस हितवाही म। पिरीत परेम के दिया बुतागे, आग लगिस रुख राई म। खेत खार ह परिया होगे यूरिया के छिचाई म मनखे गंवागे शहर म जाके अंधाधुंध कमाई म। पहुना के सम्मान गंवागे नारी के अधिकार लुटागे। नदिया तरिया के गुरतुर पानी भाखा के मिठास गंवागे। पुरखा के संस्कार गंवागे अंगना के बंटवाई म संगी मितान के विश्वाश गंवागे भेद के दहरा खाइ म मेला मड़ई के झुला गवांगे…

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हमर गुरूजी – 9 दिसमबर पुन्यतिथि बिसेस

अंधियार गहरावत हे। मनखे छटपटावत हे। परकास के अगोरा म हाथ लमाये बइठे हे लोगन। परकास हमर जिनगी म कइसे हमाही, एकर चिनतन मनन अऊ परकास लाने के उदिम बहुतेच कम मनखे मन कर पाथे। जेन मनखे हा परकास ला भुंइया म बगराके, दुनिया ला जगजग ले अंजोर कर देथे उही मनखे हा जग म गुरूजी के नाव ले पुजाथे। गुरूजी हा अइसन परानी आय जेहा जिनगी भर, दिया कस बरके जग के अंधियारी ला दुतकारथे अऊ ललकारथे। लोगन ला बने रद्दा म रेंगाये अऊ ओकर ठऊर तक अमराये के…

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निर्वाचन आयोग ल छुट्टी खातिर आवेदन पत्र

सेवा में, सिरीमान मुखिया निर्वाचन आयुक्त महोदय, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली। बिसय : विधानसभा चुनाव मतगणना के दिन सार्वजनिक छुट्टी घोसित करे बाबत। महोदय जी, बिनती हवय के आपके आयोग ह मतदान के दिन सार्वजनिक छुट्टी के घोसना करथे। इही किसम ले मतगणना के दिन घलो सार्वजनिक छुट्टी के घोसना होना चाही। काबर के मतदान म तो एक मनखे ल जादा ले जादा आधच घंटा लगथे फेर मतगणना पूरा दिनभर के कार्यक्रम होथे। लोकतंत्र म चुनाव ले बड़े अउ कोनो महापरब नइ होवय। मतगणना के दिन ये महापरब के…

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गजल

जम्मो नवा पुराना हावै। बात हमला दुहराना हावै । लूट सको तो लुट लौ भैया, सरकारी खजाना हावै । झूठ-लबारी कहि के सबला सत्ता तो हथियाना हावै। कतको अकन बात हर उनकर लागे गजब बचकाना हावै। पेट पलइया मांग करे तब, रंग – रंग के बहाना हावै। सब के मुँह म बात एके हे, उलटा इहाँ जमाना हावै। अब भाई के गोठ- बात मा घलो सियासी ताना हावै । रंग-रंग के =तरह-तरह के बलदाऊ राम साहू

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घटारानी हावे तोर नांव

धसकुड़ मं बिराजे ओ,घटारानी हावे तोर नांव…२ चिरई-चिरगुण चिंव-चाँव करत हे…२ मईयां मईयां रटे नांव…२ धसकुड़ मं बिराजे ओ,घटारानी हावे तोर नांव…२ झरझर-झरझर झरना चलत हे,तोर, तोर अँगना अऊ दुवारी ओ…२ सुर-सुर-सुर-सुर पवन चलत हे, जुड़ चले पुरवाई ओ…२ बघुवा भालू तोर रखवारी करत हे…२ करत हावे हांव-हांव…२ धसकुड़ मं बिराजे ओ,घटारानी हावे तोर नांव…२ हरियर-हरियर रूख राई दिखत हे, चारो मुंड़ा चारो कोती ओ…२ रीग-बीग-रीग-बीग जोत जलत हे, अँगना बरे तोर जोति ओ…२ महर-महल तोर अँगना करत हे…२ बगिया हावे तोर गांव…२ धसकुड़ मं बिराजे ओ,घटारानी हावे तोर नांव…२…

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सरगुजिहा गीत

हाथे धरे बीड़ा, लगावत हो रोपा मिले आबे संगी तै खेतवा कर धरी मिले आबे…………… बेर उगते ही डसना उड़ासेन माया मिलाए के केलवा बनाएन खाएक आबे संगी तै सुन ले फरी फरी. मिले आबे संगी तै खेतवा कर धरी। तै हस संगी मोर हिरदे कर चैना, तै हस मोर सुगा मै हो तोर मैना, तोर सूरता संगी मोला आएल घरी घरी मिले आबे संगी तै खेतवा कर धरी। मधु गुप्ता ‘महक’

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हमर छत्तीसगढ़

गुरतुर हमर भाखा सिधवा हमर चाल हे। ऐ छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल हे…….2। अरपा पैरी हसदो के निरमल सुघ्घर पानी हे। महानदी हे पुण्य सलिला एहि हमर जिंदगानी हे। ये भुइयां के बात अलग हे…2 राम के इहाँ ननिहाल है मोर छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल के…2। नदिया नरवा झिरिया म देवता धामी बइठे है। रुख राई के पांव पखारेन सब म ईश्वर देखे हे। जम्मो कोती हे भाईचारा…2 नही कोई जंजाल हे मोर छत्तीसगढ़िया बड़ा कमाल के…2। घर म आइन पहूना पाठी मिलथे बड़ सम्मान जी ठेठरी खुरमी कडुवा पपची हमन के…

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