हमर हिन्दू धरम मा देवी-देवता के इस्थान हा सबले ऊँच हावय। देवी-देवता मन बर हमर आस्था अउ बिसवास के नाँव हरय ए तीज-तिहार, परब अउ उत्सव हा। अइसने एक ठन परब कारतिक पुन्नी हा हरय जेमा अपन देवी-देवता मन के प्रति आस्था ला देखाय के सोनहा मौका मिलथे। हमर हिन्दू धरम मा पुन्नी परब के.बड़ महत्तम हावय। हर बच्छर मा पंदरा पुन्नी होथे। ए सबो मा कारतिक पुन्नी सबले सरेस्ठ अउ शुभ माने जाथे । कारतिक पुन्नी के दिन भगवान शंकर हा तिरपुरासुर नाँव के महाभयंकर राक्छस ला मारे रहीन…
Read MoreYear: 2018
अग्यातवास
अपन हक ले बंचित, पांडो मन के भाग म लिखाये अग्यातवास हा, कलजुग म घला पीछू नि छोरत रहय। अग्यातवास के कलजुगी समे म, द्वापर जुग कस, यक्छ ले इंखर मुलाखात, फूल टोरे के बहाना तरिया म फेर हो जथे। कलजुगिया यक्छ , फूल दे के बहाना, इंखर मन के योग्यता के परीकछा के बात घला करथे। बिगन परस्न के जवाब पाए, फूल दे बर मना कर देथे। पांडो मन, एक के पाछू एक, परीकछा म फेल होवत जाथे, अउ मूरछित होके भुंइया म गिरत जाथें। धरमराज हा फिकर करत,…
Read Moreनान्हे कहिनी – ढुलबेंदरा
कका! एसो काकर सरकार आही ग?’ ‘जेला जनता जिताही तेकरे सरकार आही जी’ ‘तभो ले तोर बिचार म का जमत हे?’ ‘मोर बिचार म तो कन्हो नी जमत हे। जेला भरोसा करके बइठारथन उही हमर गत बिगाड़ देथे।’ ‘फेर एक ठ बात अउ पूछना रिहिस कका?” “पूछ रे भई! आ मोर पीठ म बैताल असन लटक जा।” ‘ते नराज होगेस कका! फेर बताएच बर लागही तोला।’ पाछू घनी हमन फलाना नेता के केनवासिंग म भीडे रेहेन गा। फेर एसो वोहा ढेकाना पाल्टी म चल दिस।’ ओमन अइसन काबर करथे ग?…
Read Moreमाफी के किम्मत
भकाड़ू अऊ बुधारू के बीच म, घेरी बेरी पेपर म छपत माफी मांगे के दुरघटना के उप्पर चरचा चलत रहय। बुधारू बतावत रहय – ये रिवाज हमर देस म तइहा तइहा के आय बइहा, चाहे कन्हो ला कतको गारी बखाना कर, चाहे मार, चाहे सरेआम ओकर इज्जत उतार, लूट खसोट कहीं कर …….. मन भरिस तहन सरेआम माफी मांगले …….। हमर देस के इही तो खासियत हे बाबू …….. इहां के मन सिरीफ पांच बछर म भुला जथे अऊ कन्हो भी, ऐरे गैरे नत्थू खैरे ला, माफी दे देथे। भकाड़ू…
Read Moreसुन तो भईरी
अई सुनत हस का भईरी, बड़े बड़े बम फटाका फुटीस हे I येदे नेता मन के भासन सुनके कुकुर मन बिकट हाँव हाँव भूकिस हे I पंडरा ह करिया ल देखके, मुंहूँ ल फूलोलिस I कीथे मोर अंगना में काबर हमाये, आय हाबै चुनई त, खरतरिहा बन बड़ रुवाप दिखायेस I सिधवा कपसे बईठे रिहिस, कीथे, मिही तांव मुरख अगियानी, तुहीमन तांव ईहाँ के गियानी धानी I मंद के मरम ल में का जानव, तलुवा चाटे के काम हाबै मोर पुरानी I कोन जनी काय पाप करे रेहेंव, चारों खूंट…
Read Moreकब बबा मरही ….. कब बरा खाबो
मोर राज आवन दव, तहन तुंहर गांव के संगे संग, तुंहरो भाग जाग जही। एक बेर मोला जितावव तो सही ………? बीते पचास बछर ले, कतको मुहुं ले, इही बात सुने बर मिल चुके हे। अइसन बोलइया कतको मुहुं ला, मउका घलो, कतको बेर मिल चुके हे। फेर, उही मुहुं ले, ये दारी नी कर पायेंव अगले दारी जरूर करहूं …….. नावा गोठ फेर निकल जथे। अइसन मन फेर आथे तहन, हमर सरकार नी बन सकिस, निही ते, तुंहर कलयान कर देतेन कहिके, जनता ला ठग देथे। तबले जनता, फेर…
Read Moreकहानी – देवारी के कुरीति
गाँव म देवारी के लिपई-पोतई चलत रिहिस। सुघ्घर घर-दुवार मन ल रंग-रंग के वारनिश लगात रहिस। जम्मो घर म हाँसी-खुशी के महौल रिहिस। लइका मन किसम-किसम के फटाका ल फोरत रिहिस। एक झन ननकी लइका ह अपन बबा संग म घर के मुहाटी म बइठे रिहिस। ओ लइका ह बड़ जिग्यासु परवित्ति के रहिस। लइका मन ह बड़ सवालिया किसम के रहिथे। उदुक के अपन बबा ले पूछिस – बबा हमन देवारी तिहार ल कब ले अऊ काबर मनाथन। बबा ह ओ लइका ल राम भगवान के अयोद्धया लहुटे के…
Read Moreबस्ता
घाठा परगे खाँध म धर लेथन बस्ता कभू-कभू हाथ म झोला के पट्टी संघार के बोह लेथन बस्ता लकड़ी के साँगा डार के ज्ञान के जोरन आय सबो पढ़थैं जेला प्राथमिक शिक्षा कहाय पीठ म पाठ लदाथे भाग गढ़े खातिर कतको दूरिहा रेंगाथे फूलतिस हँसी फूल अस होंठ म बस्ता के लदना होतिस कम जब रहितिस ग्रंथालय सबो स्कूल म बस्ता बस ले बाहिर जेन बोहैं तेने जानैं बोहे बर कइसे होगैं माहिर | असकरन दास जोगी
Read Moreनान्हे कहिनी – सवाल
‘बबा!ये दिया काबर बरत हे?’ ‘अंजोर करे खातिर बरत हे बेटा!!’ बबा ह अपन नाती ल समझावत बताइस। ताहने ओकर नाती ह फेर एक ठ सवाल पूछथे- ‘ये अंजोर काकर बर हरे बबा?’ ‘जेन ह ओकर अंजोर के फयदा उठाही तेकर बर!!’ ‘एमा दिया के का फयदा हे बबा?’ ‘एमा दिया के कोनो फयदा नीहे बेटा!’ ‘एमा दिया के फयदा नीहे त काबर बरत हे? बबा!’ ‘दिया के बुता हरे बेटा! अपन फयदा-नुकसान के चिंता ल छोडके ओहा सरलग बरत रहिथे।’ ‘जब नानकुन दिया ह अपन स्वारथ के चिंता ल…
Read Moreचुनावी व्यंग्य : योग्यता
चुनाव के समे लकठियागे रहय। अपन अपन पारटी ले टिकिस झोंके बर, कार्यकरता मनके लइन लगे रहय। पारटी के छोटे से बड़का कार्यकरता, अपन आप ला विनिंग केंडीडेट समझय। पारटी परमुख, टिकिस के लइन देख के, पारटी के जीत के आस म भारी खुस रहय। टिकिस के आस म, लइन लगे कार्यकरता के योग्यता जांचे बर, इंटरबू के आयोजन रखिस। इकछुक उम्मीदवार ला पारी पारी ले, चेमबर म बलाके सवाल पूछे लगिस अऊ अपन योग्यता बताये बर किहिस। एक झिन बतइस के, मोर योग्यता ये हे के, मेहा छत्तीसगढ़ के…
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