दिरिस्यः 1 घना करिया बादर ले सूरुज नरायन भगवान धीरे धीरे उअत हावय। ओला देखके- कबि:- कल संझा समे मा, सागर मा बूड़े सोन कलस हाथ मा लेके उए होही, फेर सागर के तरी मा कलस के खोज करत करत ओकर हीरा मोती लगे गहना कहूंॅ छूट गे होही, ओला खोजे बर फेर एक घा सागर के तरी मा गे होही, ता देखिस, ये सोन कलस लहरमन के भान ले लहरावत हावय। लइका:- नंदनबन के कोन्हो सुग्घर आमारूख ले गदराय आमा गिरत हावय, जेहर ढुलत ढुलत भिंया मा आत हावय।…
Read MoreDay: June 30, 2019
ददा
बर कस रूख होथे ददा जेकर जुड छांव म रथे परवार बइद बरोबर जतनथे नइ संचरन दे कोनो अजार। चिरई-चुरगुन कस दाना खोजत को जनी कतका भटकथे माथ ले पसीना चुहथे त परवार के मुंहु म कौंरा अमरथे। परवार के जतन करे बर अपन जम्मो सुख ल तियागथे। खुद के गोड भले भोंभरा म लेसावय फेर अपन लइका बर पनही लानथे। ददा के सम्मान बर एक दिन का पूरा बच्छर घलो कमती हे। संउहत देवता के जीते जी सम्मान नी करन ये हमर गलती हे। भरम होथे मनखे ल अपन…
Read Moreआमा के अथान – चौपई छन्द (जयकारी छंद )
अब अथान आमा के खाव,आगे गरमी कम हे भाव। झोला धर के जाव बजार,*लानव आमा छाँट निमार। मेथी संग मा सरसों तेल,येकर राखव सुग्घर मेल। * मेथी अउ सरसों के दार,चिटिक करायत होथे सार। 2 पीसे हरदी बने मिलाव,लहसुन डारे झने भुलाव। जीरा के येमा हे खेल,नापतौल के डारव तेल। 3 मिरचा सिरतो कमती खाव,स्वाद देख के नून मिलाव। थोरिक अदरक घलो मिलाव,दू दू दिन मा बने हिलाव। 4 गोही ला झन फेंकव हेर,लेव स्वाद खाये के बेर। अब्बड़ मिठाथे गोही जान,आमा सँग मा बनय अथान। 5 राखव कुछ दिन…
Read Moreसिंहावलोकनी दोहा (गरमी)
गरमी हा आ गे हवय,परत हवय अब घाम। छइँहा खोजे नइ मिलय,जरत हवय जी चाम। । जरत हवय जी चाम हा,छाँव घलो नइ पाय। निसदिन काटे पेंड़ ला,अब काबर पछताय। । अब काबर पछताय तै,झेल घाम ला यार। पेंड़ लगाते तैं कहूँ,नइ परतिस जी मार। । नइ परतिस जी मार हा,मौसम होतिस कूल। हरियाली दिखतिस बने,सुग्घर झरतिस फूल। । सुग्घर झरतिस फूल तब,सब दिन होतिस ख़ास। हरियाली मा घाम के,नइ होतिस अहसास। । नइ होतिस अहसास जी,रहितिस सुग्घर छाँव। लइका पिचका संग मा,घूमें जाते गाँव। । घूमे जाते गाँव तै…
Read Moreचंदैनी गोंदा, रामचंद्र देशमुख, लक्ष्मण मस्तुरिया अउ खुमान लाल साव एक दूसर के पर्याय
लोक गायक महादेव हिरवानी के सांस्कृतिक संस्था “धरोहर” ह लोक संगीत के पुरोधा खुमानलाल साव अउ गीत के पुरोधा लक्ष्मण मस्तुरिया के सुरता म कन्हारपुरी, राजनाँदगाँव म “श्रद्धा-सुमन” के आयोजन करिस जेमा छत्तीसगढ़ के पचास ले आगर लोक मंच अउ उँकर कलाकार मन गीत अउ संगीत द्वारा अपन श्रद्धा सुमन प्रस्तुत करिन। कार्यक्रम के शुरुवात मा कर्मा भवन मा स्थित मंदिर म कर्मा माता के पूजा अर्चना होइस। तेखर बाद मंच मा खुमान लाल साव जी के फोटू मा उँकर बड़े बेटा चेतन साव, दाऊ दीपक चंद्रकार, अरुण कुमार निगम…
Read More