Categories
गीत

गांव अभी दुरिहा हे : नारायणलाल परमार

तिपे चाहे भोंभरा, झन बिलमव छांव मां जाना हे हमला ते गांव अभी दुरिहा हे। कतको तुम रेंगाव गा रद्दा हा नइ सिराय कतको आवयं पडाव पांवन जस नई थिराय तइसे तुम जिनगी मां, मेहनत सन मीत बदव सुपना झन देखव गा, छांव अभी दुरिहा हे। धरती हा माता ए धरती ला सिंगारो नइ ये […]